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Wednesday, April 24, 2024

नए संसद भवन- पीएम मोदी ने एक तीर से साधे कई निशाने

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन को देश को समर्पित कर दिया। हवन और मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री ने नई संसद का उद्घाटन किया। पूजन के बाद तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने PM मोदी को सेंगोल सौंपा। प्रधानमंत्री ने साष्टांग प्रणाम के बाद इसे संसद में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल स्थापित किया। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला उनके साथ मौजूद थे। सेंगोल स्थापना के बाद PM मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया, जो संसद के निर्माण में शामिल थे। इसके बाद सर्वधर्म सभा हुई। प्रार्थना सभा में केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के जरिए बड़ा सियासी संदेश दे दिया। उन्होंने एक तीर से कई निशाना साध लिया।

आइए जानते हैं कि पीएम मोदी और भाजपा की क्या खास रणनीति थी?

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से क्या सियासी संदेश?

  1. राष्ट्रवाद : पुराना संसद भवन अंग्रेजों ने तैयार किया था। पिछले साल ही पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। पहले इस जगह जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी। इसके अलावा भी प्रधानमंत्री ने अंग्रेजों के समय दिए गए कई स्थलों के नाम, प्रतीक चिन्हों को बदल दिया है।
  2. प्रधानमंत्री का संदेश साफ है। देश में राष्ट्रवाद की नई अलख जगाने का ये तरीका है।
  3. तमिलनाडु और महाराष्ट्र का के लिए सियासी पिच तैयार : नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के जरिए पीएम मोदी ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु के लिए एक बड़ा सियासी पिच तैयार कर लिया है। समारोह में तमिलनाडु के मठों से अधीनम शामिल हुए। वैदिक मंत्रोच्चार के जरिए तमिल की विरासत सेंगोल को अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में स्थापित किया गया।

इसके जरिए प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के लोगों से सीधे जुड़ने की कोशिश की। इसके साथ ही आज वीर सावरकर की जयंती है। वीर सावरकर से मराठी जनता जुड़ी हुई है। पिछले कुछ समय से कांग्रेस ने वीर सावरकर पर कई तरह के सवाल खड़े किए। कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी को भी इसका विरोध करना पड़ा। अब पीएम मोदी ने वीर सावरकर की जयंती के दिन देश के नए संसद भवन का उद्घाटन कर महाराष्ट्र के लोगों के दिलों में भी जगह बनाने की कोशिश की है।

  1. विकास की नई कहानी शुरू हुई: नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत तैयार हुआ है। कम समय में देश में एक खूबसूरत संसद भवन बनकर तैयार हो गया है। पीएम मोदी ने पिछले नौ साल के अंदर कई विकास योजनाएं शुरू की और उसका उद्घाटन भी कर दिया। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ये संदेश देना चाहते हैं कि उन्होंने जो-जो विकास की बातें कहीं हैं, वो करके दिखाया है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के विकास की नई गाथा लिख रहे हैं।
  2. अन्य राज्यों पर भी पीएम मोदी का फोकस – पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन एक साथ कई निशाने साधे। तमिलनाडु और महाराष्ट्र के अलावा पीएम मोदी ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश को भी जोड़ा। पीएम मोदी ने कहा, ‘लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर, राष्ट्रीय पुष्प राज्यसभा का कमल और संसद के प्रांगड़ में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। पत्थर राजस्थान, लकड़ी महाराष्ट्र, यूपी में भदोही के कारीगरों ने कालीन बुने। भवन के कण-कण में हमें एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के दर्शन हो रहे हैं।’

पीएम मोदी के दांव का विपक्ष पर कितना असर?
इसे समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक संजय मिश्र से बात की। उन्होंने कहा, ‘नए संसद भवन के उद्घाटन की तारीख के एलान होने के बाद से सियासी उबाल जारी है। सही तौर पर इसमें सभी दलों को शामिल होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विपक्ष के 21 दलों ने इससे खुद को किनारा कर लिया। कई तरह की टिप्पणी भी की गई। भाजपा ने इसे बेहतर मौका बना लिया।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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