तेहरान, 15 जून 2025, रविवार: ईरानी सरकार द्वारा 13 जून 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से देशव्यापी इंटरनेट सेवाएँ ठप करने के बाद, स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने एक साहसिक कदम उठाते हुए 14 जून को ईरान में स्टारलिंक इंटरनेट सेवा शुरू करने की घोषणा की। यह कदम वैश्विक स्तर पर सूचना की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, लेकिन साथ ही इसे लेकर विवाद भी गहरा गया है।
इंटरनेट बंदी और स्टारलिंक का प्रवेश
ईरान में इंटरनेट बंद होने से लाखों नागरिक सोशल मीडिया, समाचार और संचार माध्यमों से कट गए थे। ऐसे में मस्क की स्टारलिंक सेवा, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में हजारों सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करती है, ने लोगों में उम्मीद की किरण जगाई है। यह सेवा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावी है, जहाँ पारंपरिक इंटरनेट बुनियादी ढाँचा अनुपलब्ध या निष्क्रिय हो। मस्क ने ट्वीट कर कहा, “हम जरूरतमंद लोगों तक सूचना और संचार की पहुँच सुनिश्चित करना चाहते हैं। स्टारलिंक अब ईरान में सक्रिय है।”
मस्क का मानवीय रिकॉर्ड
यह पहला मौका नहीं है जब मस्क ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में स्टारलिंक की मदद दी हो। इससे पहले यूक्रेन-रूस युद्ध (2022) और गाजा संकट (2023) के दौरान भी उन्होंने मुफ्त स्टारलिंक सेवा प्रदान की थी, जिसे वैश्विक समुदाय ने सराहा था। ईरान में भी उनकी यह पहल नागरिकों को डिजिटल दुनिया से जोड़े रखने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
साजिश के आरोपों ने बढ़ाई तनातनी
हालाँकि, इस कदम को लेकर ईरान में संशय का माहौल है। कई स्थानीय नागरिक और विश्लेषक इसे पश्चिमी देशों की साजिश करार दे रहे हैं। उनका मानना है कि स्टारलिंक का प्रवेश ईरानी सरकार के खिलाफ माहौल भड़काने और आंतरिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश हो सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कुछ यूजर्स ने लिखा, “यह पश्चिम का ईरान को अस्थिर करने का नया हथियार है।” वहीं, अन्य का कहना है कि यह कदम नागरिकों के लिए संकट के समय एक वरदान साबित हो सकता है।
ईरानी सरकार की चुप्पी
अब तक ईरानी सरकार ने स्टारलिंक की इस पहल पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस सेवा को अवैध घोषित कर सकती है या सैटेलाइट सिग्नल्स को ब्लॉक करने की कोशिश कर सकती है। पहले भी ईरान ने विदेशी तकनीकी हस्तक्षेप को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
आगे क्या?
विश्लेषकों का कहना है कि स्टारलिंक का यह कदम ईरान में डिजिटल युद्ध का नया अध्याय खोल सकता है। एक ओर जहाँ यह नागरिकों को सूचना और अभिव्यक्ति की आजादी दे सकता है, वहीं यह ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और गहरा सकता है। फिलहाल, वैश्विक समुदाय की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि ईरानी सरकार इस चुनौती का जवाब कैसे देती है और स्टारलिंक का यह प्रयोग ईरान के डिजिटल परिदृश्य को कितना बदल पाता है।