लखनऊ, 9 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और पुनरोद्धार के लिए कृतसंकल्प है। अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिषारण्य और छोटी काशी के बाद अब श्रावस्ती के 225 वर्ष प्राचीन मुंडा शिवाला को नया वैभव प्रदान करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण 4 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। साथ ही, मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट का गठन भी होगा।

225 वर्ष पुराना है मुंडा शिवाला का इतिहास
श्रावस्ती के फखरपुर क्षेत्र के बंजड़हा मोहल्ले में स्थित मुंडा शिवाला का निर्माण 1800 से 1820 के बीच स्थानीय ठाकुर परिवार द्वारा कराया गया था। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और सामाजिक जीवन से भी गहरे जुड़ा है। नेपाल सहित विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। लंबे समय से उपेक्षा और अतिक्रमण के कारण मंदिर की स्थिति जर्जर हो गई थी, जिसे अब योगी सरकार के प्रयासों से पुनर्जनन मिलेगा।

आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा मंदिर परिसर
श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार में गर्भगृह, प्रांगण, दीवारों की मरम्मत, रंग-रोगन, फर्श और टाइल्स का निर्माण शामिल है। मंदिर तक पहुंच के लिए सीसी रोड, संपर्क मार्ग, पेयजल, शौचालय, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश, सीसीटीवी, डिजिटल सूचना बोर्ड और वर्षा जल संचयन की सुविधा होगी। पौधरोपण से परिसर की हरियाली बढ़ेगी। ट्रस्ट के गठन से नियमित पूजा-अर्चना, पुजारी की नियुक्ति, त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों का संचालन सुनिश्चित होगा।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुंडा शिवाला का जीर्णोद्धार न केवल धार्मिक महत्व को पुनर्जनन देगा, बल्कि श्रावस्ती में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। बुद्धकालीन धरोहरों के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र अब नए आकर्षण का केंद्र बनेगा। नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि की उम्मीद है। यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी और रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी।
योगी सरकार के इस प्रयास से प्रदेश की धार्मिक धरोहरों का वैभव लौट रहा है, जो सांस्कृतिक गौरव के साथ-साथ पर्यटन और आर्थिक विकास को भी नई दिशा दे रहा है।