मुंबई, 23 जून 2025: रिलायंस इंडस्ट्रीज के गलियारों में एक ऐसी शख्सियत थी, जिनके बिना मुकेश अंबानी कोई बड़ा फैसला नहीं लेते थे। वह नाम है प्रकाश शाह, जिन्होंने न सिर्फ कॉरपोरेट जगत की चकाचौंध को ठुकराया, बल्कि 75 करोड़ रुपये की भारी-भरकम सैलरी को अलविदा कहकर संन्यास की राह चुन ली। जी हां, रिलायंस के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट प्रकाश शाह अब साधु जीवन जी रहे हैं, और उनके साथ उनकी पत्नी नैना शाह और बेटे ने भी दीक्षा लेकर सांसारिक जीवन को त्याग दिया है।
कौन हैं प्रकाश शाह?
प्रकाश शाह का रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ दशकों पुराना रिश्ता रहा। IIT बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने रिलायंस में कदम रखा और अपनी काबिलियत के दम पर मुकेश अंबानी के सबसे भरोसेमंद सलाहकार बन गए। कंपनी के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स, जैसे जामनगर पेटकोक गैसिफिकेशन और पेटकोक मार्केटिंग, उनकी देखरेख में सफलतापूर्वक पूरे हुए। हर बड़े फैसले में उनकी राय को तरजीह दी जाती थी। मुकेश अंबानी के ‘राइट हैंड’ कहे जाने वाले प्रकाश शाह ने रिलायंस को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
75 करोड़ की सैलरी छोड़ चुनी संन्यास की राह
63 साल की उम्र में प्रकाश शाह ने रिटायरमेंट लेकर सबको चौंका दिया। लेकिन उससे भी बड़ा झटका तब लगा, जब उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के साथ जैन दीक्षा लेकर संन्यासी जीवन अपनाने का फैसला किया। कॉरपोरेट दुनिया की चमक-दमक, 75 करोड़ रुपये की सालाना सैलरी और रिलायंस जैसे विशाल साम्राज्य को पीछे छोड़कर उन्होंने सादगी भरा जीवन चुना। यह फैसला न सिर्फ उनके करीबी सहयोगियों, बल्कि पूरे कॉरपोरेट जगत के लिए हैरान करने वाला रहा।
रिलायंस के लिए एक बड़ा नुकसान
प्रकाश शाह के जाने से रिलायंस ने न सिर्फ एक कुशल लीडर खोया, बल्कि मुकेश अंबानी का एक ऐसा विश्वासपात्र भी खो दिया, जो हर कदम पर उनके साथ रहा। उनके अनुभव और दूरदर्शिता ने कंपनी को कई मौकों पर नई दिशा दी थी। अब, जब प्रकाश शाह साधु जीवन की ओर बढ़ चुके हैं, उनकी यह यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्ची खुशी भौतिक सुखों से परे है।
संन्यास की राह पर परिवार
प्रकाश शाह का यह फैसला और भी खास इसलिए है, क्योंकि उनके साथ उनकी पत्नी नैना और बेटे ने भी दीक्षा ली है। यह परिवार अब सांसारिक मोह-माया को त्यागकर आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ रहा है। कॉरपोरेट जगत से संन्यास तक की यह कहानी हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रही है।
प्रकाश शाह की यह अनोखी यात्रा न सिर्फ रिलायंस के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि जीवन का असली मकसद धन-दौलत नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और सादगी हो सकता है।