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Friday, August 8, 2025

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन जारी : पानीपत से पांच हजार से ज्यादा किसानों ने दिल्ली कूच किया

लगातार छह महीने से कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए बॉर्डर पर बैठे किसानों के समर्थन में करनाल,अंबाला के बाद गुरुवार को पानीपत से पांच हजार से ज्यादा किसानों ने दिल्ली कूच किया। पानीपत टोल पर सुबह 9 बजे से ही किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया था, सवा 11 बजे भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पानीपत टोल पहुंचे।

इसके बाद डीएसपी संदीप गुरनाम सिंह चढ़ूनी की गाड़ी में गए और फिर चढ़ूनी की एसपी शशांक कुमार सावन से बात कराई गई। लगभग 10 मिनट फोन पर बात करने के बाद चढ़ूनी मंच पर पहुंचे, जहां किसानों को प्रोत्साहित करने के बाद शांतिपूर्वक तरीके से कूच करने के लिए कहा गया।

पानीपत में दिल्ली कूच की अगुवाई के लिए स्पेशल निहंग सिखों की सेना बुलाई गई थी, लेकिन बाद में किसान यूनियन ने फैसला लिया कि भारतीय किसान यूनियन के नेता ही पानीपत से दिल्ली कूच की अगुवाई करेंगे। इसमें सबसे पहले युवाओं की बाइक का काफिला था, जिसके पीछे खुली जीप में गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जिला अध्यक्ष सुधीर जाखड़, प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल व अन्य किसान नेता मौजूद रहे। उनके पीछे 3 से चार सौ गाड़ियों का काफिला था। वहीं समालखा क्रॉस करने तक किसानों का काफिला 500 से ज्यादा गाड़ियों का हो गया था।

पुल के ऊपर से दिल्ली कूच पर फूल की बारिश की गई। यह फूल की बारिश पानीपत टोल प्लाजा पुल से लेकर सिवाह पुल तक की गई। पानीपत के किसान ही अपने बाग से फूल लाए थे। किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष का कहना है कि पहली बार किसान इतनी शानदार तरीके से पानीपत से रवाना हुए हैं।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि पानीपत के दिल्ली कूच ने इतिहास रच दिया। दिल्ली को जीतने के लिए पानीपत में तीन युद्ध हुए थे चौथा युद्ध किसान लड़ने दिल्ली जा रहे हैं। पहली बार जिले के सभी समुदाय व वर्ग के किसानों को एकजुट करने का काम किया है। जिले अनुसार पानीपत का दिल्ली कूच हरियाणा में अभी तक का सबसे बड़ा दिल्ली कूच है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों से बात करनी बंद कर दी है जबकि उनकी वही मांगें हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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