रायबरेली, 08 सितंबर 2025: अमेठी जनपद के सातनपुरवा पीएचसी से रविवार को प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रायबरेली रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया और उन्होंने पीएचसी की स्टाफ नर्स पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया।
अमेठी के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के गढ़ी अलादाद मजरे सातनपुरवा निवासी अमीना खातून (32) को रविवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सातनपुरवा पीएचसी में भर्ती कराया गया। सुबह 11:40 बजे प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रायबरेली रेफर किया गया। महराजगंज के पास पहुंचते ही नवजात की मौत हो गई, जबकि गंभीर हालत में अमीना को महराजगंज सीएचसी ले जाया गया। वहां डॉ. एस.के. राय ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। डॉ. राय ने बताया कि प्रसूता शारीरिक रूप से कमजोर थी और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी मृत्यु हुई।
परिजनों का आरोप:
मृतका की सास ने बताया कि उन्होंने स्टाफ नर्स को पहले ही सूचित किया था कि अमीना कमजोर है और जरूरत पड़ने पर रेफर कर देना चाहिए। इसके बावजूद नर्स ने सामान्य प्रसव का दावा करते हुए तुरंत रेफर नहीं किया। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर रेफर किया जाता तो शायद दोनों की जान बच सकती थी।
सीएचसी अधीक्षक का बयान:
सिंहपुर सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि नवजात को सांस लेने में दिक्कत और प्रसूता को अत्यधिक रक्तस्राव के कारण रेफर किया गया था। उन्होंने स्टाफ नर्स पर लगे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि नर्स लंबे समय से सीएचसी में कार्यरत है।
इस दुखद घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और मामले की जांच की मांग जोर पकड़ रही है।