N/A
Total Visitor
34.3 C
Delhi
Sunday, July 6, 2025

मंजूरी दे सकती है मोदी सरकार, जाति जनगणना आधारित को

हाल ही में ओबीसी हितों से जुड़े दो अहम निर्णय कर चुकी मोदी सरकार जाति जनगणना को मंजूरी दे सकती है। कोरोना के कारण अब तक राष्ट्रीय जनगणना प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है, इसलिए सरकार जातीय जनगणना पर हड़बड़ी नहीं दिखा रही। सरकार इस मुद्दे पर फिलहाल देखो और इंतजार करो की रणनीति अपना रही है। इस संबंध में सरकार को रोहिणी आयोग की रिपोर्ट का भी इंतजार है।

दरअसल इस मुद्दे पर कई विपक्षी दलों तथा सरकार के घटक दलों का रुख भी मुखर है। जदयू, अपना दल, आरपीआई जैसे दल लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सहित राज्य के कई दलों के नेता सोमवार को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले हैं।

नीतीश के दांव से बढ़ी हलचल
इस मुद्दे पर नीतीश सर्वाधिक मुखर हैं। राज्य विधानसभा ने दो बार जातीय जनगणना के समर्थन में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया है। नीतीश ने राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना नहीं होने पर बिहार में अलग से जातीय जनगणना कराने की घोषणा की है। बिहार जातीय रूप से सर्वाधिक संवेदनशील राज्य है।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नब्बे के दशक में मंडल बनाम कमंडल राजनीति में जहां उत्तर प्रदेश में कमंडल की राजनीति मंडल पर हावी हुई थी, वहीं बिहार में लालू प्रसाद यादव अजेय नेता के रूप में उभरे थे। ऐसे में अगर जातीय जनगणना से सरकार ने दूरी बनाई, तो बिहार में भाजपा को सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि नीतीश के दांव से इस मामले में हलचल बढ़ी है।

हड़बड़ी में क्यों नहीं
इस मसले पर केंद्र सरकार में विमर्श का दौर तो शुरू हुआ है मगर वह जल्दबाजी में नहीं है। कोरोना के कारण टल रहे जनगणना कार्य का पहला चरण अब अगले साल ही शुरू होने की उम्मीद है। वहीं इसका दूसरा चरण 2023 में शुरू होगा, जिसमें जनगणना, भाषा, साक्षरता, पलायन जैसे विषय शामिल होंगे।

जाहिर तौर पर ऐसे में जनगणना का मूल कार्य 2023 से शुरू हो कर 2024 के लोकसभा चुनाव तक चलेगा। इसलिए सरकार जातीय जनगणना के सवाल पर जल्दबाजी दिखाने के मूड में नहीं है।

क्या है रोहिणी आयोग
ओबीसी आरक्षण को संतुलित करने के लिए सरकार ने रोहिणी आयोग गठित की है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। आयोग को कई बार विस्तार मिल चुका है। उम्मीद जताई जा रही है आयोग इस साल के अंत तक अपनी रिपोर्ट दे देगा।

रिपोर्ट आने पर सियासी हलचल तेज होने के आसार हैं। इस समय 2,700 जातियां ओबीसी में शामिल हैं। इनमें से 1700 जातियां अब भी आरक्षण के लाभ से वंचित हैं। एक अनुमान के मुताबिक ओबीसी में शामिल करीब तीन दर्जन जातियां आरक्षण का 70 फीसदी लाभ हासिल कर रही हैं।

कर्नाटक में भी जाति जनगणना पर विचार कर रहे मुख्यमंत्री
कर्नाटक में भी जाति जनगणना पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है, लेकिन यह मसला अभी अदालत और पिछड़ा वर्ग आयोग के पास विचाराधीन है। दस दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रस्तावित मुलाकात पर पूछे जाने पर बोम्मई ने कहा कि कोई व्यक्ति या दल इस मामले में प्रधानमंत्री या अन्य नेता से मुलाकात करने के लिए स्वतंत्र है।

 

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »