अंबेडकरनगर, 18 मई 2025, रविवार। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के मथुरा रसूलपुर गांव से एक ऐसी खबर आई है, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। दो सगी बहनें, आंचल और पल्लवी, अपने ही घर में पंखे से लटकी मिलीं। दोनों ने एक साथ फांसी लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। इस दुखद घटना के पीछे की वजह सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं—एक मोबाइल फोन और पिता का गुस्सा।
आंचल इंटर की छात्रा थी, जबकि पल्लवी दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। दोनों बहनें अपनी उम्र के उस पड़ाव पर थीं, जहां सपने बड़े होते हैं और जिंदगी की उलझनें नई-नई। लेकिन शनिवार की देर शाम, जब परिजनों ने कमरे में कदम रखा, तो उनके सामने जो मंजर था, वह किसी बुरे सपने से कम नहीं था। दोनों बहनों के शव एक ही पंखे से लटक रहे थे। घर में चीख-पुकार मच गई, और गांव में सन्नाटा पसर गया।
मोबाइल पर बात बनी त्रासदी की वजह
पुलिस की शुरुआती जांच और परिजनों के बयानों से जो कहानी सामने आई, वह आज के दौर में माता-पिता और बच्चों के रिश्तों पर गहरे सवाल उठाती है। बताया जाता है कि आंचल अक्सर मोबाइल पर किसी से बात करती थी। यह बात उनके पिता को बिल्कुल पसंद नहीं थी। कई बार समझाने के बावजूद जब आंचल नहीं मानी, तो पिता का गुस्सा फूट पड़ा। शनिवार को जब पिता ने आंचल को फिर से फोन पर बात करते पकड़ा, तो उन्होंने न सिर्फ उसकी पिटाई की, बल्कि छोटी बहन पल्लवी को भी नहीं बख्शा। पल्लवी का कसूर? वह आंचल की बातचीत के बारे में जानती थी, लेकिन उसने घरवालों को कुछ नहीं बताया। पिटाई का यह जख्म शायद दोनों बहनों के दिलों पर इतना गहरा था कि उन्होंने जिंदगी से हार मान ली। दोनों ने एक साथ फांसी का फंदा चुना और दुनिया को अलविदा कह दिया।
पुलिस की जांच और अनुत्तरित सवाल
घटना की सूचना मिलते ही जलालपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, और जांच शुरू हो गई। अंबेडकरनगर के एसपी केशव कुमार ने बताया कि पिता ने मोबाइल पर बात करने को लेकर आंचल की पिटाई की बात स्वीकारी है। लेकिन पुलिस इस मामले को सिर्फ आत्महत्या तक सीमित नहीं मान रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, और हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है। क्या यह सिर्फ पिटाई का नतीजा था, या इसके पीछे कोई और कहानी है? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।