जिले में हर घर नल योजना के तहत 809 गांवों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 262 स्थानों पर टंकी बनवायी जाएगी। अभी तक मात्र 77 स्थानों पर टंकी का निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। वहीं विभिन्न स्थानों पर सिंचाई विभाग के बांधों से पानी आपूर्ति के लिए नोडल विभाग लघु सिंचाई विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाया है। यहीं वजह है कि इंटकबेल बनवाने का कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहा है। यदि यहीं स्थिति रही तो शासन से नियत समय पर पेयजल आपूर्ति शायद ही शुरू हो पाए।
शासन ने हर-घर नल योजना के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए 2200 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू कराया है। इस योजना के तहत 809 गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए 262 स्थानों पर टंकी बनवा कर पाइप लाइन बिछायी जाएगी। कुछ स्थानों पर टंकी को पानी से भरने के लिए गहरा बोर कर ट्यूवबेल लगवाया जाएगा। वहीं पहाड़ी इलाके में आस-पास स्थित सिंचाई विभाग के बांधों से पानी लेकर आपूर्ति की जाएगी। इन बांधों से पानी आपूर्ति के लिए लघु सिंचाई विभाग इंटकबेल बनवाएगा। टंकी निर्माण के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। इसी तरह जिन गांवों में बांधों से पानी आपूर्ति किया जाना है। उन बांधों को भी चिह्नित कर इंटकबेल बनवाने के लिए विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया है। लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अभी तक सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। यहीं वजह है कि इंटकबेल बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
जिले के 77 गांवों में टंकी का निर्माण शुरू
मिर्जापुर। पेयजल आपूर्ति के लिए जिले में बनवायी जाने वाली 262 टंकियों में मात्र 77 का निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। अभी 185 स्थानों पर अभी तक टंकी का निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था नहीं शुरू करा पाया है। पाइप लाइन बिछाने का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में काफी मंथरगति से चल रहा है।
अभी किसी भी गांव में नहीं पहुंची पाइप लाइन
मिर्जापुर। जिले के किसी भी गांव में अभी पाइप लाइन नहीं बिछ पायी है। हर घर नल योजना के तहत 809 गांवों में पाइप लाइन बिछायी जाएगी। नोडल विभाग के इंजीनियरों का कहना ह कि बजट और अन्य कारणों से निर्माण कार्य शुरू कराने में थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन समय पर जिले के प्रत्येक गांव में पेयजल आपूर्ति शुरू करा दी जाएगी।
जिले के तीन ब्लाक पेयजल संकट ग्रस्त
मिर्जापुर। जिले के तीन ब्लाकों के 350 गांव पेयजल संकट से जूझ रहे है। इनमें राजगढ़, पटेहरा और हलिया ब्लाक के कई गांवों में मार्च महीने से ही पेयजल संकट शुरू हो जाता है। भू-जलस्तर खिसक जाने से हैण्ड पम्पों से पानी नहीं मिल पाता है। अधिकांश गांवों में मार्च के अंत तक पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर की प्रयोग किया जाता है। सर्वाधिक दिक्कत हलिया व राजगढ़ ब्लाक की है। पहाड़ी इलाका होने के कारण गर्मी के दिनों में पशुओं के समक्ष भी पीने के पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। हलिया गांव के पहड़ी इलाके में पेयजल के लिए इस समय मात्र एक हैण्ड पम्प से पानी मिल रहा है। उस हैण्ड पम्प पर सुबह होते ही ग्रामीणों की पीने के पानी को लेने के लिए भारी भीड़ जुट जाती है।