नई दिल्ली, 14 जून 2025: 12 जून की दोपहर को अहमदाबाद में हुए एक दिल दहलाने वाले हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। एयर इंडिया का एक विमान, जो अहमदाबाद से लंदन की उड़ान भर रहा था, भीषण दुर्घटना का शिकार हो गया। आग की प्रचंड लपटों ने विमान को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें 241 यात्रियों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। इस त्रासदी में केवल एक यात्री ही जीवित बचा, जिसने इस हादसे की भयावहता को और गहरा कर दिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे में तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा था। विमान के धातु के हिस्से पिघलकर राख में बदल चुके थे, और आसपास का हर सामान आग की भेंट चढ़ गया था। लेकिन इस विनाश के बीच एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। रेस्क्यू टीम को मलबे के बीच एक भगवद गीता मिली—पूरी तरह सुरक्षित, बिना एक खरोंच के! संभवतः कोई यात्री इस पवित्र ग्रंथ को अपने साथ लेकर यात्रा कर रहा था। जहाँ सब कुछ जलकर खाक हो गया, वहाँ गीता के पन्ने न केवल सलामत थे, बल्कि पढ़ने योग्य भी थे।
यह दृश्य मौके पर मौजूद लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक व्यक्ति मलबे के बीच से भगवद गीता के पन्नों को दिखाते हुए नजर आ रहा है। जले हुए धातु के टुकड़ों और राख के ढेर में गीता का अक्षत रहना न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि यह आस्था और विश्वास का एक जीवंत प्रतीक बन गया है। इस वीडियो ने न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि उनकी भावनाओं को गहरे तक छू लिया।
यह घटना एक बार फिर उस शाश्वत सत्य को उजागर करती है कि कुछ शक्तियाँ ऐसी हैं, जो सबसे भयंकर विपत्तियों में भी अडिग रहती हैं। भगवद गीता का यह चमत्कार न केवल एक किताब की कहानी है, बल्कि यह उस विश्वास की ताकत है, जो लोगों के दिलों को जोड़ती है और उन्हें प्रेरित करती है।