केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने आईफोन हैकिंग मामले में नरमी दिखाने के लिए एपल पर दवाब बनाया है। बता दें कि अक्तूबर में विपक्ष के कई नेताओं के आईफोन पर राज्य प्रायोजित हैकिंग का अलर्ट आया था जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार पर उनके फोन को टैप करने का आरोप लगाया था।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव ने कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट की यह रिपोर्ट आधारहीन और कल्पना पर आधारित है। इस रिपोर्ट में एपल के भी उस बयान को दरकिनार किया गया है जिसमें एपल ने अलर्ट के दिन ही कहा था कि यह अलर्ट कई देशों में भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि एपल को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है और Cert-In के साथ इस मसले पर उसकी मीटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि यह एपल की जिम्मेदारी है कि वह बताए कि क्या उसके आईफोन है हो सकते हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में क्या है?
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने एपल को हिदायत देते हुए कहा है कि कंपनी राजनीतिक मामलों में थोड़ा संभलकर रहे और इस तरह के नोटिफिकेशन भेजने से पहले उसके राजनीतिक परिणाम के बारे में भी सोचे। वॉशिंगटन पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने इसके लिए Apple पर दबाव भी बनाया है। सरकार की ओर से एपल से कहा गया है कि वह राजनीतिक मामलों में नरमी से पेश आए।