भोपाल, 30 मार्च 2025, रविवार: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को नव संवत्सर, चैत्र नवरात्र, गुड़ी पड़वा और चेटीचंड की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं दीं। इन पर्वों के आगमन के साथ ही उन्होंने प्रदेश के विकास में सभी नागरिकों की सहभागिता की अपेक्षा भी जताई।
भारतीय संस्कृति का गौरवशाली पर्व
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, “भारतीय नव वर्ष का प्रारंभ विक्रम संवत से होता है। भले ही अंग्रेजी कैलेंडर का प्रचलन बढ़ गया हो, लेकिन नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, चेटीचंड और चैत्र नवरात्र जैसे त्योहार हमारी संस्कृति की अमिट पहचान हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ये पर्व भारतीय समाज के लिए उल्लास और एकता का प्रतीक हैं, जिन्हें देश का एक बड़ा वर्ग पूरे उत्साह के साथ मनाता है।
नव संवत्सर 2082 का स्वागत
डॉ. यादव ने बताया कि इस बार नव संवत्सर 2082 का शुभारंभ हो रहा है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को इन मंगल पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “ये त्योहार हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाते हैं। मैं कामना करता हूं कि ये पर्व सभी के लिए सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लेकर आएं।” साथ ही, उन्होंने इन अवसरों पर होने वाले पारिवारिक और सार्वजनिक आयोजनों की सफलता की भी प्रार्थना की।
विकास के यज्ञ में सहभागिता की अपील
मुख्यमंत्री ने केवल शुभकामनाएं देने तक खुद को को सीमित नहीं रखा, बल्कि प्रदेश के विकास को एक ‘यज्ञ’ बताते हुए इसमें सभी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा भी की। “यह नव संवत्सर हमारे लिए नई शुरुआत का प्रतीक है। आइए, हम सब मिलकर मध्य प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाएं,” उन्होंने आह्वान किया।
संस्कृति और उत्सव का संगम
नव संवत्सर का यह अवसर चैत्र नवरात्र के साथ मां दुर्गा की आराधना, गुड़ी पड़वा के साथ नए साल के स्वागत और चेटीचंड के साथ झूलेलाल जयंती के उल्लास का अनूठा संगम लेकर आया है। मुख्यमंत्री का यह संदेश न केवल इन पर्वों के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि प्रदेशवासियों में एकता और उत्साह का संचार भी करता है।
डॉ. मोहन यादव का यह संदेश मध्य प्रदेश के लिए एक प्रेरणा है कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए विकास की नई ऊंचाइयों को छुएं। नव संवत्सर 2082 की यह शुरुआत निश्चित रूप से सभी के लिए मंगलमयी हो, यही कामना है।