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Thursday, June 19, 2025

पशु प्रेम का पैगाम: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया संदेश, जानवरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं

गोरखपुर, 20 जनवरी 2025, सोमवार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि जानवरों के मन में भी संवेदना होती है। उन्होंने कहा कि यदि हम जानवरों के साथ आत्मीयता और संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें, तो वे भी हमारे साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस संदेश को देते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में हाथी रेस्क्यू सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने तितली उद्यान का लोकार्पण और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने इस प्राणि उद्यान की विशेषताओं के बारे में बताया कि यहां 121 एकड़ क्षेत्रफल में 350 से अधिक प्राणि (पशु-पक्षी आदि) रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम प्रकृति और जानवरों के साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें और उनके साथ अच्छे संबंध बनाएं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधरोपण किया और हाथी-गैंडा को गन्ना-केला, गुड़-चना आदि भी खिलाया। एनपीए एकेडमी की विद्यार्थी कृतिका व वैष्णव ने मुख्यमंत्री को उनका चित्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हरित अभियान: 100 करोड़ से अधिक पौधरोपण से यूपी का वनाच्छादन बढ़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात-आठ वर्ष के अंदर 100 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया है। इससे यूपी का वनाच्छादन बढ़ा है। अनवरत इसमें वृद्धि भी हो रही है। कैंपियरगंज में जटायु संरक्षण केंद्र भी बन रहा है। हमारा प्रयास है कि लैंड जल्द उपलब्ध हो जाती है तो हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्टिक यूनिवर्सिटी का सेंटर इंस्टीट्यूशन व यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित किया जाए, क्योंकि यह आज की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पर्यावरण संरक्षण पर संदेश: “पर्यावरण बचाओ, भविष्य बचाओ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को पर्यावरण का महत्व पता लगना चाहिए। पर्यावरण के लिए खतरनाक कारकों से परहेज करना चाहिए। इससे वर्तमान व भावी पीढ़ी का भविष्य़ सुरक्षित है। सीएम ने अपील की कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें, इससे पर्यावरण बचेगा। पर्यावरण बचेगा तो वर्तमान व भविष्य़ भी उज्ज्वल होगा। आबादी के साथ मनुष्य की आवश्यकताएं भी बढ़ रही हैं। हर व्यक्ति वर्ष में दस पेड़ लगाए। पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले उपायों से जुड़ें। बरसात के पानी के संरक्षण के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दें, जल की बर्बादी न हो।
गोरखपुर प्राणि उद्यान की सफलता की कहानी: 30 लाख से अधिक लोगों ने किया दौरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर का प्राणि उद्यान 27 मार्च 2021 को लोकार्पण हुआ था। तबसे अब तक 30 लाख से अधिक लोगों ने यहां प्रवेश किया। इनमें 10 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं। यह प्राणि उद्यान पर्यावरण व मनोरंजन के लिए सहायक है। सीएम ने कहा कि प्रकृति से जितनी अधिक तारतम्यता होगी, भविष्य उतना ही अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह ने हाथी रेस्क्यू सेंटर में गंगा प्रसाद नामक हाथी प्रदान किया है। अपने विधानसभा में प्राणि उद्यान होने के कारण इसे डोनेट करना नया प्रयोग है।
भेड़िए का नाम भैरव-भैरवी, बाघ का नाम केसरी
मुख्यमंत्री ने बहराइच से गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए भेड़िए का नामकरण भी किया। सीएम ने नर भेड़िए का नाम भैरव व मादा का भैरवी रखा। उन्होंने बताया कि बहराइच में छह भेड़ियों का झुंड था। इन्होंने लगभग नौ-दस बच्चों पर हमला किया। इसमें कुछ बच्चों की मौत भी हो गई थी। भेड़ियों को रेस्क्यू कर इन दोनों को यहां लाया गया था। वहीं सीएम ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व से आए बाघ का नाम केसरी रखा। सितंबर 2024 में इसे रेस्क्यू किया गया था। सोमवार को उसे बाड़े में छोड़ दिया गया।
ये विशिष्ट जन रहे मौजूद
इस दौरान वन-पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, विपिन सिंह, फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, विमलेश पासवान, महेंद्र पाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, महंत रविंद्र दास जी महाराज, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी आदि मौजूद रहे।

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