सुल्तानपुर, 18 जुलाई 2025: प्राथमिक विद्यालयों के विलय के सरकारी आदेश ने जिले में विवाद को जन्म दे दिया है। गुरुवार को सुल्तानपुर में मोस्ट कल्याण संगठन के बैनर तले सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस आदेश को संविधान के अनुच्छेद 21ए का उल्लंघन बताते हुए राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा 16 जून, 2025 को जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों को प्राथमिक विद्यालयों को समीप के स्कूलों में विलय करने के निर्देश दिए गए हैं। मोस्ट कल्याण संगठन ने इस कदम को बच्चों के निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन करार दिया है। संगठन का कहना है कि ग्रामीण, गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचने में दिक्कत होगी, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित होगी और क्षेत्र की साक्षरता दर में कमी आ सकती है।
संगठन ने आरोप लगाया कि जिला स्तर पर बीएसए और एबीएसए स्कूल स्टाफ से जबरन सहमति ले रहे हैं। मोस्ट ने संविधान के अनुच्छेद 41 का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है। इसके अलावा, माता-पिता का भी यह मौलिक कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को शिक्षा का अवसर दें। संगठन ने मांग की कि विद्यालयों की संख्या कम करने के बजाय नामांकन बढ़ाने और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मुद्दे पर जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई है।