3 जनवरी 2025: यूपी के मेरठ के लिए नए साल की शुरुआत गौरवपूर्ण रही। खेल मंत्रालय द्वारा घोषित अर्जुन पुरस्कारों की सूची में मेरठ की दो बेटियों, भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी और पैरा एथलीट प्रीति पाल का नाम शामिल किया गया है। आगामी 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति इन दोनों महिला खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद मेरठ के कसेरू बक्सर और बहादुरपुर गांवों में जश्न का माहौल है।
अन्नू रानी की प्रेरणादायक यात्रा
बहादुरपुर गांव की रहने वाली अन्नू रानी एक साधारण किसान परिवार में पली-बढ़ी हैं। बचपन में गन्ने की सूखी डंडियां फेंकने के खेल से उनकी प्रतिभा का आभास हुआ। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी क्षमता पहचानी और उन्हें प्रशिक्षण दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 2010 में भाला फेंक खेल की शुरुआत करने वाली अन्नू ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई कीर्तिमान स्थापित किए।
2014 में लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 58.83 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। 2019 में 62.34 मीटर के थ्रो से एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए वे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला भाला फेंक खिलाड़ी बनीं।
प्रीति पाल के संघर्ष की कहानी
कसेरू बक्सर गांव की प्रीति पाल ने सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी के बावजूद पैरा एथलेटिक्स में अपनी पहचान बनाई। उनके पिता अनिल कुमार ने उनकी चिकित्सा और प्रशिक्षण के लिए हर संभव प्रयास किए। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली में कोच गजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने वाली प्रीति ने 2024 पेरिस पैरालंपिक में महिलाओं की 100 मीटर T35 श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वे ट्रैक स्पर्धा में पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं।
मेरठ और देश का गौरव
अन्नू रानी और प्रीति पाल की सफलता ने न केवल मेरठ बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है। उनके परिवार और गांव में उत्सव का माहौल है। दोनों खिलाड़ियों के परिवारों ने संदेश दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं। अन्नू और प्रीति ने अपने संघर्ष और सफलता से यह साबित कर दिया है।
मेरठ की यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित ये दोनों खिलाड़ी हर युवा को अपने सपनों को साकार करने का संदेश देती हैं।