बाजार, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के आस-पास सड़कों के किनारे खुलेआम बिक रहे खाने, पानी, जूस इत्यादि के साथ लोगों को जानलेवा बीमारियां परोसी जा रहीं है। गर्मी बढ़ने के साथ स्ट्रीट फूड खाने से लोगों में डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग की समस्या तेज हो गई है। इसलिए एमसीडी ने खुले में चलने वाली खाने-पीने की दुकानों पर रेड तेज कर दी है। एक महीने में 60 से ज्यादा रेड कर सैकड़ों स्ट्रीट फूड स्टाल से खाना-पानी नष्ट किया गया। करीब 30 जगहों से लिए गए पेय पदार्थों के सेंपल फेल हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड को इसकी जानकारी दी गई है।
एमसीडी की जनस्वास्थ्य विभाग की टीम हर दिन दो-तीन रेड कर रही है। बाजार में बिकने वाले खाने-पानी की योग्यता की मौके पर जांच की जा रही है और पेय पदार्थों के सेंपल भी एकत्रित किए जा रहे। इसके साथ-साथ दुकानों के लाइसेंस चेक किए जा रहे है। निगम अधिकारियों के मुताबिक हर साल गर्मी में स्ट्रीट वेंडर्स पर निगरानी बढ़ा दी जाती है। इन दिनों खासतौर से पानी, जलजीरा, सत्तू, फलों के जूस इत्यादि के सेंपल लेकर इनकी गुणवत्ता जांची जा रही। अधिकतर जगहों पर इनकी गुणवत्ता खराब मिल रही है, जिसे तत्काल नष्ट कराया जा रहा है।
निगम के जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इनकी टीम ने बीते वित्त वर्ष (बीते 1 अप्रैल से इस साल 31 मार्च तक) 12 जोनों में 3040 से ज्यादा बार रेड की। इस दौरान हजारों की संख्या में खाने पीने के स्टाल से खाना-पानी नष्ट किए गए। 106 दुकानों से भारी मात्रा में कोल्ड ड्रिंक स्टॉक को नष्ट किया है, जो पीने योग्य नहीं थीं। बिना लाइसेंस के चल रहीं 176 दुकानें सीज की गईं।
करोल बाग जोन में सबसे ज्यादा 494 जगह कार्रवाई की गई। फिर साउथ जोन में 402, सेंट्रल जोन में 311, सिटी एसपी जोन में 291, वेस्ट जोन में 268, सिविल लाइंस जोन में 243, नरेला जोन में 216, रोहिणी जोन में 177, नजफगढ़ जोन में 168, केशवपुरम जोन में 158, शाहदरा साउथ जोन में 148 और शाहदरा नॉर्थ जोन में 121 जगहों पर स्ट्रीट फूड स्टाल पर रेड की गई और हजारों जगहों पर खाना-पानी नष्ट किया गया।