गाजियाबाद, 6 जुलाई 2025: जीटी रोड शहीद स्थल मेट्रो के समीप स्थित एक मजार के आसपास फैले अतिक्रमण को हटाने की बड़ी कार्रवाई की गई है। मेयर सुनीता दयाल की सख्त नाराजगी के बाद नगर निगम ने न केवल कब्जे हटाए, बल्कि क्षेत्र में साफ-सफाई और पौधरोपण भी करवाया। मेयर ने स्पष्ट किया कि मस्जिद या मजार के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी, लेकिन ग्रीन बेल्ट की जमीन पर किसी भी तरह का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मेयर की सख्ती, वायरल हुआ वीडियो
सूत्रों के अनुसार, मेयर सुनीता दयाल ने एक दिन पहले मजार के पास बैठे कुछ लोगों को जमकर फटकार लगाई थी। मजार पर चादर और प्रसाद चढ़ाने आए लोगों को भी उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसने शहर में हलचल मचा दी। मेयर ने बताया कि मजार के ठीक पीछे रक्षा मंत्रालय का एक उपक्रम है और उन्हें शिकायत मिली थी कि ग्रिल काटकर अवैध रूप से क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा था।
मजार को लेकर विवाद, स्थानीय लोगों का दावा
बौंझा के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस जगह पर पहले कभी मजार नहीं थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता वीरेश्वर त्यागी ने दावा किया कि गाजियाबाद में गाजीउद्दीन की कोई मजार नहीं है। उन्होंने कहा कि इतिहास के अनुसार, पहले गाजीउद्दीन ने दिल्ली के अजमेरी गेट पर एक मदरसा बनवाया था, जहां उन्हें दफनाया गया। यह जगह बाद में दिल्ली कॉलेज और फिर जाकिर हुसैन कॉलेज बनी। दूसरे गाजीउद्दीन की मजार अफगानिस्तान और तीसरे की हैदराबाद में है।
गाजीउद्दीन की मां की मजार? वंशजों का दावा
वहीं, गाजीउद्दीन के वंशजों का कहना है कि यह मजार गाजीउद्दीन की मां की है। उनके परिवार के लोग आज भी गाजियाबाद में रहते हैं। वंशजों के अनुसार, नवाब गाजीउद्दीन ने न केवल गाजियाबाद को बसाया, बल्कि घंटाघर स्थित रामलीला मैदान, जीटी रोड पर कोतवाली और एमएमएच कॉलेज की जमीन भी दान की थी।
मेयर का सख्त रुख, भविष्य में भी कार्रवाई का भरोसा
मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि शहर की सुंदरता और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि ग्रीन बेल्ट या सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस कार्रवाई से शहर में स्वच्छता और अनुशासन को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है।