अयोध्या, 12 सितंबर 2025: प्रभु श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना, जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम अपनी पत्नी वीना रामगुलाम और 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर रामलला के दर्शन किए और दोनों देशों की समृद्धि के लिए प्रार्थना की। भूटान के प्रधानमंत्री के बाद वे दूसरे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्होंने रामलला के दर्शन किए।
मुख्यमंत्री योगी ने किया रेड कार्पेट स्वागत
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मॉरीशस के पीएम का भव्य स्वागत किया। मंत्रोच्चार, शंखनाद, ढोल-नगाड़ों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बीच रेड कार्पेट बिछाकर, कलश-आरती और पुष्पवर्षा के साथ उनका अभिनंदन किया गया। यह नजारा अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रदर्शन था।
रामलला के दरबार में भावुक क्षण
एयरपोर्ट से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री का काफिला सीधे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचा। वहां उन्होंने पत्नी के साथ रामलला की आरती उतारी और मंदिर निर्माण कार्यों का जायजा लिया। करीब 30 मिनट तक मंदिर परिसर में रहकर उन्होंने श्रद्धापूर्वक मत्था टेका। पीएम रामगुलाम ने अयोध्या में बिताए पलों को “जीवन का अविस्मरणीय अनुभव” बताया और भगवान राम के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा जताई।
भारत-मॉरीशस की सांस्कृतिक एकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरे को भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूती देगी। मॉरीशस की बड़ी आबादी भारतीय मूल की है और वहां भगवान राम की गहरी आस्था है, जो इस दौरे को और खास बनाती है।
मंदिर में विशेष प्रस्तुति, स्मृति चिह्न भेंट
मंदिर परिसर में टाटा कंपनी की ओर से राम मंदिर निर्माण पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई। इसके बाद सीएम योगी ने पीएम रामगुलाम को राम मंदिर का मॉडल और उनकी पत्नी वीना को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
कड़े सुरक्षा इंतजाम
प्रधानमंत्री के दौरे के लिए अयोध्या में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। एयरपोर्ट से मंदिर तक चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे और सीसीटीवी से पूरे मार्ग की निगरानी की गई।
यह दौरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का है, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच गहरे कूटनीतिक और आध्यात्मिक रिश्तों को भी रेखांकित करता है।