नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025, बुधवार। मथुरा शाही मस्जिद ईदगाह समिति ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें उपासना स्थल अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के केंद्र के अधिकार को बंद करने का अनुरोध किया गया है। समिति ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र ने जानबूझकर देरी की है और उच्चतम न्यायालय को मार्च 2021 में नोटिस जारी करने के बावजूद अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं किया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उपासना स्थल अधिनियम, 1991 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 17 फरवरी को होने वाली है और यह न्याय के हित में होगा यदि केंद्र का जवाब दाखिल करने का अधिकार बंद कर दिया जाए।
उपासना स्थल अधिनियम के अनुसार, 15 अगस्त 1947 के दिन देश में जो भी धार्मिक स्थल जिस स्वरूप में थे, उसी स्वरूप में रहेंगे। हालांकि, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से संबंधित विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था।