वाराणसी, 5 जनवरी 2025, रविवार। कातिल मांझे के खिलाफ मुहिम ने जनांदोलन का रूप ले लिया है, जिसमें लोगों ने मांझे के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। महामृत्युंजय मंदिर के महंत एवं सपा नेता किशन दीक्षित के नेतृत्व में काशीवासियों ने रविवार को टाउन हॉल के गांधी प्रतिमा के समक्ष उपवास रखकर कातिल मांझे के खिलाफ आवाज मुखर की। लोगों ने मुंह पर काली पट्टी और हाथों में तख्तियों के जरिये कातिल मांझा के खिलाफ मोर्चा खोला। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो लोगों को एकजुट करने और मांझे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
कातिल चाइनीज मांझे का कहर जारी: कानून की धज्जियां उड़ाते हुए बिक्री जारी, जिम्मेदार कौन?
किशन दीक्षित ने कहा कि आए दिन कातिल मांझे की खबरें सुनने को मिलती हैं। कई लोग घायल हो रहे हैं, कई जान गंवा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब कानून ने कातिल बने चाइनीज मांझे पर रोक लगाई है, तो यह बिक कैसे रहा है? सरकार और प्रशासन के अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं?
कातिल मांझे के खिलाफ आवाज उठाओ: परिवारों को दर्द और पीड़ा से बचाओ
पूर्व पार्षद मनोज यादव ने कहा कि कातिल मांझे के कारण कई परिवारों को दर्द और पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के घर के दीपक बुझ गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी शासन, सत्ता और अधिकारी इस मुद्दे पर चुप हैं। यह समय है जब हमें अपने सत्ता और अधिकारियों से सवाल पूछने चाहिए। हमें उनसे पूछना चाहिए कि वे कातिल मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए क्या कर रहे हैं। हमें उनसे पूछना चाहिए कि वे लोगों की जान की परवाह क्यों नहीं करते हैं। यह समय है जब हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी चाहिए।
मांझे के खिलाफ एकजुट हुए लोग: सरकार से पूर्ण प्रतिबंध की मांग
उपवास पर बैठें अश्विनी तिवारी, अशोक नायक, राहुल गुप्ता, अनिल यादव, महेंद्र सिंह, अहमद रजा कमाली, अमित चौबे, राघव यादव सहित अन्य लोगों ने मांग की कि सरकार मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। लोगों ने कहा कि वे मांझे के खिलाफ लड़ते रहेंगे और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहेंगे।