उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट भी योगी सरकार के तमाम संकल्पों को पूरा नहीं कर पाया है। वित्त मंत्री ने जिन संकल्पों को पूरा करने का साहस दिखाया, उनमें से कई में वादे के मुताबिक बजट बंदोबस्त नहीं कर पाए हैं। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली, उच्च शिक्षा हासिल करने वाली मेधावी बेटियों को मुफ्त स्कूटी व बुजुर्ग महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा जैसी सुविधाओं के लिए इंतजार बढ़ गया है।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बृहस्पतिवार को राज्य का सबसे बड़ा बजट (6.15 लाख करोड़ रुपये) का लेखाजोखा पेश किया। सरकार ने जोर देकर बताया कि उसने गत विधानसभा चुनाव के दौरान लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों में से 97 को शामिल कर लिया है। इनमें 44 नई योजनाएं हैं। इन वादों पर अमल के लिए 54,883 करोड़ रुपये का बंदोबस्त भी किया गया है। मगर, बजट पड़ताल से पता चलता है कि सबसे बड़ा बजट भी तमाम वर्गों से किए गए वादों पर अमल का रास्ता नहीं निकाल पाया।
मसलन, संकल्प पत्र का पहला वादा था, अगले पांच वर्षों में सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसी तरह कॉलेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई योजना के तहत मुफ्त स्कूटी व 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की बात कही गई थी। चुनाव में सर्वाधिक प्रचारित इन तीनों वादों के लिए बजट में पैसे का बंदोबस्त नहीं हो सका।
इन प्रमुख वादों पर इंतजार बढ़ा
– 5,000 करोड़ की लागत से अवंती बाई लोधी स्वयं सहायता समूह मिशन शुरू करने का वादा था। पर नई योजना में उल्लेख नहीं।
– अगले 5 वर्षों में 1000 करोड़ की लागत से नंद बाबा मिशन शुरू करने का वादा।
– 25 हजार करोड़ की लागत से सरदार वल्लभ बाई पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की स्थापना।
– एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर एचएसजी क्रेडिट कार्ड के जरिए एक लाख तक ऋण।
– 500 करोड़ की लागत से स्टेट टैलेंट सर्च एंड डेवलपमेंट स्कीम। इसमें चयनित महिला एथलीटों को 5 लाख की सहायता।
– 2500 करोड़ की लागत से विश्वकर्मा तकनीकी उन्नयन कार्यक्रम। हर ब्लॉक में एक आईटीआई।
– 10 हजार करोड़ की लागत से महर्षि सुश्रुत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन।
– 5,000 करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना का वादा। 1,000 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना का प्रस्ताव।