नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025, मंगलवार। पश्चिम बंगाल इन दिनों सियासी और सामाजिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर राज्य में हिंसा और अशांति का माहौल है। खासकर मुर्शिदाबाद, 24 परगना और मालदा जैसे सीमावर्ती इलाकों में हालात चिंताजनक हैं। आगजनी, हिंसा और तनाव के बीच हजारों हिंदू परिवारों के पलायन की खबरें सामने आ रही हैं। इस गंभीर स्थिति पर कोलकाता हाई कोर्ट को भी दखल देना पड़ा, जिसके आदेश पर मुर्शिदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में बीएसएफ की नौ बटालियनों सहित अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।
इन तनावपूर्ण हालात के बीच पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से बीजेपी सांसद मनोज तिग्गा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी से बातचीत में तिग्गा ने दावा किया कि ममता बनर्जी की नीतियां पश्चिम बंगाल को “अलग मुस्लिम देश” बनाने की दिशा में हैं। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद और 24 परगना जैसे क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी 85% से अधिक हो चुकी है, और जानबूझकर हिंदुओं को डराकर पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
हिंसा और पलायन का दर्दनाक मंजर
तिग्गा ने बताया कि मुर्शिदाबाद में हिंसा का दौर पिछले एक हफ्ते से जारी है। आगजनी, लूटपाट और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने दावा किया कि हिंदू महिलाएं और बेटियां दोपहर के बाद घर से निकलने में डरती हैं। छेड़छाड़ और अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं की कथित मिलीभगत के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती। तिग्गा ने यह भी आरोप लगाया कि शिकायत करने वालों को उल्टा गुंडों और दबंगों का गुस्सा झेलना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हिंसा के चलते हजारों हिंदू परिवार मुर्शिदाबाद छोड़कर मालदा और अन्य क्षेत्रों में शरण लेने को मजबूर हैं। कई लोग स्कूलों और कॉलेजों में पनाह ले रहे हैं। बीएसएफ के पहुंचने पर स्थानीय हिंदुओं ने राहत की सांस ली और “जय श्री राम” के नारे लगाकर जवानों का स्वागत किया। लेकिन तिग्गा का कहना है कि ममता बनर्जी इस संकट पर चुप्पी साधे हुए हैं, और उनकी सरकार की निष्क्रियता ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
ममता पर तुष्टीकरण का आरोप
बीजेपी सांसद ने ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि ममता रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज उपलब्ध करा रही हैं, ताकि उनका वोट बैंक मजबूत हो। तिग्गा ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन सिर्फ एक बहाना है। ममता कट्टरपंथियों के साथ मिलकर आम मुसलमानों को भड़का रही हैं, जिसके चलते हिंसा और दंगे हो रहे हैं।
उन्होंने ममता के ईद के मौके पर दिए गए कथित भड़काऊ भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हिंसा को और हवा मिली। तिग्गा ने यह भी बताया कि कुछ मुस्लिम विधायक और मंत्रियों के बयान बेहद उत्तेजक हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक विधायक ने खुलेआम कहा कि “हिंदुओं को काटकर गंगा में बहा देंगे,” और एक कैबिनेट मंत्री ने “हम दो, हमारे छह” की नीति को बढ़ावा देने की बात कही। तिग्गा ने सवाल उठाया कि अगर बांग्लादेश से हिंदू भारत में शरण लेने आ रहे हैं, और पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेश जैसे हालात बन रहे हैं, तो हिंदू कहां जाएंगे?
“मां, माटी, मानुष” का नारा खोखला?
तिग्गा ने ममता के मशहूर नारे “मां, माटी, मानुष” पर तंज कसते हुए कहा कि आज पश्चिम बंगाल में “मां” की इज्जत खतरे में है, “माटी” हिंदुओं के खून से लाल हो रही है, और “मानुष” के लिए राज्य रहने लायक नहीं बचा। उन्होंने ममता पर महिलाओं की सुरक्षा में नाकाम रहने का आरोप लगाया। तिग्गा ने अपने परिवार की एक दर्दनाक घटना का जिक्र किया, जिसमें उनके भाई की नाबालिग बेटी का अपहरण और बलात्कार हुआ, लेकिन ममता सरकार में उसे आज तक न्याय नहीं मिला।
बीजेपी की चेतावनी और उम्मीद
तिग्गा ने कहा कि ममता की पुलिस हिंसा के दौरान मूकदर्शक बनी रहती है। TMC के नेता और स्थानीय गुंडों के साथ मिलकर हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, उनकी हत्याएं हो रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने ममता पर सत्ता के लिए अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। हालांकि, तिग्गा ने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल के हिंदू अब जाग चुके हैं और अगले चुनाव में ममता की “गंदी राजनीति” को करारा जवाब देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठा रही है, लेकिन असल जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशासन की है। तिग्गा ने चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो केंद्र सरकार को और सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।
बंगाल में वक्फ संशोधन पर बवाल: हिंसा और सियासत के बीच फंसी ममता सरकार
पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर शुरू हुआ विवाद अब हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव का रूप ले चुका है। बीजेपी सांसद मनोज तिग्गा के आरोपों ने ममता बनर्जी सरकार के सामने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या यह सिर्फ सियासी बयानबाजी है, या वाकई पश्चिम बंगाल की डेमोग्राफी और सामाजिक ताने-बाने पर खतरा मंडरा रहा है? कोलकाता हाई कोर्ट की तैनाती और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में दिख रही है, लेकिन इस विवाद का स्थायी हल निकालना समय की मांग है।