प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान अमृत महोत्सव के साथ-साथ बीते दिन आयोजित किए गए तिरंगे अभियान की भी चर्चा की।
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के ये रंग, केवल भारत में ही नहीं, बल्कि, दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले। बोत्स्वाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गीतकारों ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए। इसमें और भी खास बात ये है, कि ये 75 गीत हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला, असमिया, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ा और संस्कृत जैसी भाषाओं में गाए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नामीबिया में भारत- नामीबिया के सांस्कृतिक-पारंपरिक संबंधों पर विशेष स्टैम्प जारी किया है। इस अवसर पर जो भारतीय विदेशों में थे, वो भी किसी से पीछे नहीं रहे। भारत के 8 पर्वतारोहियों ने, आजादी के 75 वर्ष मनाने के लिए, यूरोप की दो बड़ी पर्वतचोटियों को 24 घंटे में फ़तेह किया। इनमें से एक तो यूरोप की सबसे ऊंची चोटी Mount Elbrus है। हम कहीं भी हों, देश के लोगों की ये भावना हमें निरंतर आगे बढ़ने का हौसला देती है ।
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त के इस महीने में, आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड्स ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आजादी से जुड़ी बात न हो। बच्चों ने, युवा साथियों ने तो अमृत महोत्सव पर खूब सुंदर-सुंदर चित्र, और कलाकारी भी बनाकर भेजी है ।
लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग प्रगतिशील विचारों के साथ आए । जैसे युवा साथी, कृशनील अनिल जी ने अनिल जी एक Puzzle artist हैं और उन्होंने रिकॉर्ड समय में खूबसूरत तिरंगा mosaic art तैयार की है। वहीं कर्नाटक के कोलार में, लोगों ने 630 फीट लम्बा और 205 फीट चौड़ा तिरंगा पकड़कर अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया। असम में सरकारी कर्मियों ने दिघालीपुखुरी वार मेमोरियल में तिरंगा फहराने के लिए अपने हाथों से 20 फीट का तिरंगा बनाया ।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस महीने में हमारे पूरे देश में, हर शहर, हर गांव में, अमृत महोत्सव की अमृत धारा बह रही है। अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं। एक चेतना की अनुभूति हुई है। इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। तिरंगे के गौरव के प्रथम प्रहरी बनकर, लोग, खुद आगे आए।