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Friday, December 27, 2024

मांझे का कहर: वाराणसी में बढ़ती घटनाएं, सरकारी तंत्र की उदासीनता

वाराणसी। वाराणसी में मांझे से घायल होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस मामले पर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है, खासकर जब चाइनीज मांझा पर पहले से ही रोक लगाई गई है।
रोजमर्रा की भागमभाग जिंदगी में एक आम आदमी की दिनचर्या में अचानक ऐसी घटना होना बहुत ही दर्दनाक और भयावह हो सकता है। कई लोगों ने तो ऐसी घटनाओं में अपनी जान भी गंवा दी है। यह बहुत ही दुखद स्थिति है और सरकारी तंत्र को इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
गुरुवार को, विमलेंदु पांडेय नामक एक शिक्षक के बेटे के साथ ऐसी ही घटना हुई। वह मुगलसराय से अपने निवास रामापुरा बनारस लौट रहे थे जब रास्ते में दुलईपुर, चांदनी बाजार के समीप मांझे से उनकी गर्दन कट गई। उन्हें तुरंत BHU के ट्रामा सेंटर ले जाया गया जहां उनका इलाज हुआ और गर्दन में आठ टांके लगे।
ऐसी घटनाएं रोजाना हो रही हैं और यदि इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। सरकारी तंत्र को इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है और चाइनीज मांझा की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए।

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