मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गये 10 कुकी-जो युवकों के शवों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने इसे लेकर बैठक करने की बात भी कही है।
बताया गया है कि कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडिजेसन ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने जिरिबाम में 10 युवकों के मारे जाने को लेकर एक आपात बैठक भी बुलाई है। इसमें आगे के कदमों पर भी चर्चा की जाएगी।
आईटीएलएफ के प्रवक्ता गिंजा वुआलजोंग ने कहा, “आज हम बैठक में फैसला करेंगे कि अंतिम संस्कार के साथ कैसे आगे बढ़ना है। हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है। इसके बिना हम इन शवों को हाथ भी नहीं लगा सकते, क्योंकि अगर हम शवों से छेड़छाड़ करेंगे तो कुछ कानूनी मुद्दे हो सकते हैं।” फिलहाल शवों को एक स्थानीय अस्पताल के शवगृह में रखा गया है।
शनिवार को ही हेलीकॉप्टर से असम के सिलचर से चुराचांदपुर ले जाया गया। सिलचर में शवों का पोस्टमार्टम किया गया था। जहां आईटीएलएफ का दावा है कि मारे गए युवक गांव की रक्षा में तैनात कार्यकर्ता थे, तो वहीं मणिपुर सरकार ने इन्हें विद्रोही करार दिया है।
वुआलजोंग ने कहा, “हम दस्तावेजों का इंतजार कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि क्या चल रहा है, शायद कुछ गड़बड़ है। अगर हमें रिपोर्ट नहीं मिलतीं तो हमें यहां फिर से पोस्टमार्टम करना होगा। इसलिए जब तक औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा कि कुकी संगठन चुराचांदपुर जिला अस्पताल में ही फिर से पोस्टमार्टम कराने पर विचार कर रहे हैं और आखिरी फैसला आज होने वाली बैठक के बाद किया जाएगा। वुआजलोंग के मुताबिक, इस बीच अगर हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलती है, तो इस क्षेत्र के एक्सपर्ट इनकी सावधानी से समीक्षा करेंगे और गड़बड़ियों को देखने की कोशिश करेंगे। आईटीएलएफ का कानूनी प्रकोष्ठ इस मामले में कार्रवाई पर विचार करेगा।
शवों को सौंपे जाने पर असम में हुआ था बवाल
इससे पहले असम पुलिस ने सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) के बाहर इन युवकों के परिजनों पर लाठीचार्ज किया जो शव सौंपे जाने की मांग कर रहे थे। असम के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि शव मणिपुर पुलिस को सौंप दिए जाएंगे और वे इस मामले को उनके सामने उठा सकते हैं। हालांकि, आक्रोशित परिजनों ने यह प्रस्ताव नहीं माना और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों में एक महिला समेत चार पत्रकार शामिल हैं।
इसके बाद मणिपुर पुलिस और असम पुलिस ने इन शवों को हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचाने की बात कही। इस पर परिजनों ने हामी भर दी और शनिवार दोपहर को शव चुराचांदपुर पहुंचा दिए गए।