मणिपुर में चल रही हिंसा दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही हैं। इसी बीच जिरीबाम में मारे गए लोगों के शवों को अस्पताल से वापस लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक संयुक्त कार्रवाई समिति ने उस हिंसा में मारे गए मैतेई समुदाय के नौ लोगों के शवों को असम के सिलचर से उनके पैतृक गांवों में वापस लाने का फैसला किया है ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।
वाई संयज ने जारी किया वीडियो संदेश
इस मामले में समिति के संयोजक वाई संजय ने एक वीडियो संदेश में कहा कि शवों को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया था जिन्हें अब जिरीबाम भेजा जाएगा, जहां उनके परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार करेंगे। बता दें कि 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के दौरान नौ लोग लापता हो गए थे। जिनमें 10 उग्रवादी मारे गए थे।
वहीं कुछ दिनों बाद जिरीबाम जिले के जकुरधोर में दो बुजुर्गों के जलने हुए शव मिले और फिर तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव जिरीबाम और असम के कछार जिले में नदियों में तैरते हुए पाए गए। उन्हें कथित तौर पर कुकी-जो उग्रवादियों ने एक राहत शिविर से अगवा किया था। ये शव अत्यधिक सड़े-गले थे और पोस्टमार्टम के लिए एसएमसीएच भेजे गए थे। मृतकों में युमरेम्बम रानी देवी, तेलेम थोइबी देवी, उनकी बेटी तेलेम थजमनबी देवी, लैशराम हेथोइबी देवी, और उनके दो बच्चों लैशराम चिंगखेनगांबा सिंह और लैशराम लमंगनबा सिंह शामिल थे।