‘ड्रोन अटैक’ से दहल उठा मणिपुर, किसने रची ये साज़िश, भारत की सुरक्षा को कितना खतरा?
करीब 15 महीने के बाद धीरे-धीरे ही सही लेकिन मणिपुर में लगी हिंसा की आग शान्त हो रही थी। प्रदेश धीरे-धीरे अपने पुराने रूप में वापस लौटने की कोशिश कर रहा था लेकिन 1 सितंबर को हुए ड्रोन अटैक ने मणिपुर में बस रही इस शांति के मुंह को ही शांत कर दिया। 1 सिंतबर को मणिपुर में एक घातक हमला हुआ। बड़ी बात ये है कि ये एक ड्रोन हमला था। वो भी ऐसा-वैसा ड्रोन नहीं बल्कि आधुनिक तकनीकि से बना ड्रोन। ये हमला इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि मणिपुर में चल रहे संघर्ष में ये पहली बार है जब एक तरह से हवाई हमले का इस्तेमाल किया गया हो।
इस अटैक में दो लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। इनमें एक 12 साल की किशोरी, दो पुलिसकर्मी और एक मीडियाकर्मी शामिल है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस हमले में ड्रोन का प्रयोग किया गया। यह पहली बार है जब मैतेइ और कुकी समुदायों के बीच हुई हिंसा के बीच धमाका करने के लिए ड्रोन को अपनाया गया हो। यह सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं बल्कि देश के भी बेहद चिंता की बात है। आखिर क्यों मणिपुर में ड्रोन बमों के इस्तेमाल से भारत को चिंतित होना चाहिए?
मणिपुर पब्लिक सर्विस कमीशन के पूर्व चेयरमैन और रिटायर्ड सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल लायफराकम निशिकांत सिंह कहते हैं कि सोमवार सुबह भी इंफाल के पूर्व में लामलाई के पास मेइखांग चिंग में एक नया मोर्चा खोला गया। सुबह 5.30 बजे के आसपास गोलीबारी और बमबारी शुरू हुई। उत्तरी इंफाल के सेकमाई इलाके में गोलीबारी फिर से शुरू हुई। हमलों के लिए हाई एंड ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जो चिंताजनक है। अगर दूसरे आतंकवादी भी इन हमलों से सीख ले लें, तो क्या होगा। वह सवाल उठाते हैं कि इन्हें कौन पैसा मुहैया करा रहा है, इन्हें किसने प्रशिक्षित किया? ये सीमा से 150 किमी दूर भारतीय क्षेत्र में ये ड्रोन कैसे पहुंच गए। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन पर विश्लेषण की जरूरत है। वह आगे कहते हैं कि यह दुखद बात है कि मणिपुर में 30 लाख भारतीय अभी भी अनिश्चितता में जी रहे हैं। इंफाल अशांत हो गया है, वहां तीन दिशाओं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से छोटे हथियारों, बम, सशस्त्र ड्रोन और रॉकेट से हमला किया गया। वह कहते हैं कि सरकार को 30 लाख भारतीयों के दर्द को महसूस करना चाहिए, जिनका जीवन और भविष्य अंधकार में है।
वहीं, मणिपुर पुलिस ने ड्रोन हमलों के लिए ‘कथित कुकी उग्रवादियों’ को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य पुलिस और गृह विभाग के अनुसार, हमला ‘संदिग्ध कुकी आतंकवादियों’ द्वारा किया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर रॉकेट चालित ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक लॉन्च करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था। जवाब में, मणिपुर के राज्य और केंद्रीय बलों ने उग्रवादियों को बाहर निकालने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए अपने अभियान तेज कर दिए हैं। राज्य सरकार ने जनता से शांत रहने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि अपराधियों की पहचान करने और उन्हें मार गिराने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
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