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Tuesday, June 24, 2025

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मलिक व देशमुख थोड़ी देर में सुनवाई ,आज फिर होगा भाजपा और अघाड़ी का सियासी मुकाबला

हालिया राज्यसभा चुनाव में शिवसेना को पटखनी दे चुकी भाजपा और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ (MVA) गठबंधन के बीच सोमवार को फिर मुकाबला होने जा रहा है। मौका है महाराष्ट्र विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव का। राज्य की 10 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं और 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस बीच, जेल में बंद राकांपा विधायक अनिल देशमुख व नवाब मलिक ने विधान परिषद चुनाव में वोट डालने की इजाजत मांगी है।

महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी गठबंधन एमवीए के तीनों दलों यानी कांग्रेस, राकांपा व शिवसेना ने आज होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए 2-2 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, वहीं भाजपा ने 5 प्रत्याशी खड़े कर गठबंधन को चुनौती दी है। महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा संख्या को देखते हुए नौ उम्मीदवारों की जीत तो आसान है, लेकिन दसवीं सीट के लिए मुख्य मुकाबला कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष भाई जगताप और भाजपा के प्रसाद लाड के बीच होगा।

कुछ देर में होगी देशमुख व मलिक की सुनवाई
आज होने वाले महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में मतदान की इजाजत की मांग को लेकर जेल में बंद राकांपा विधायक अनिल देशमुख व नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इजाजत नहीं देने के आदेश को चुनौती दी है। याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट 12 बजे मामले की सुनवाई कर सकती है।

विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या 285
महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य संख्या 288 है, लेकिन तीन विधायक यानी नवाब मलिक व अनिल देशमुख जेल में होने से वोट नहीं डाल सकेंगे, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें वोट डालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। वहीं, शिवसेना विधायक रमेश लटके की हाल ही में मृत्यु हो गई थी। इसलिए विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 285 रह गई है। इनमें से 29 विधायक निर्दलीय हैं। विधान परिषद के प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के कम से कम 26 विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी एक बार फिर अहम भूमिका में होंगे। राज्यसभा चुनाव में भी इन्हीं के दम पर पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को पटखनी दे दी थी।

भाजपा ने एमवीए के लिए फंसाया पेंच
भाजपा के राज्य विधानसभा में 106 सदस्य हैं। वह विधान परिषद के लिए अपने चार प्रत्याशियों को जीत दिला सकती है, लेकिन उसने पांच खड़े कर दिए हैं। ऐसे में उसके पांचवें प्रत्याशी प्रसाद लाड की जीत के लिए उसे निर्दलीयों व एमवीए के असंतुष्टों के समर्थन की आस है।

एमवीए के ऐसे हैं समीकरण
शिवसेना के 55 विधायक हैं तो राकांपा के 51 और कांग्रेस के 44। शिवसेना व राकांपा के दो प्रत्याशी जीत सकते हैं, लेकिन कांग्रेस को भाई जगताप को जिताने के लिए कम से कम आठ निर्दलीयों व अन्य छोटे दलों के विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।

राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने शिवसेना को दी थी पटखनी
10 जून को महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने शिवसेना के दूसरे प्रत्याशी संजय पवार को हराकर अपनी पूर्व सहयोगी को कड़ी शिकस्त दी थी। भाजपा के धनंजय महाडिक विजयी हुए थे और पार्टी ने तीन सीटें जीत कर गठबंधन के हाथ से तोते उड़ा दिए थे। फडणवीस ने छोटे दलों व निर्दलीयों का समर्थन जुटाकर गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था। अब देखना होगा कि विधान परिषद में यही खेल दोहराया जाएगा या अघाड़ी सरकार की किलाबंदी इस बार काम दिखा जाएगी। बहरहाल सीएम उद्धव ठाकरे ने किलेबंदी तो की है, चंद घंटों में इसका फैसला हो जाएगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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