मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद शुरुआत में चीन से करीबी दिखाने और भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद मालदीव ने अब यू-टर्न ले लिया है। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने शनिवार को कहा कि उनका देश भारत की सुरक्षा को अपनी सुरक्षा मानता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम हिंद महासागर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
खलील विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए भारत आए हैं। उन्होंने कहा, हम भारत के साथ रिश्तों को हमेशा पहले रखते हैं। खलील ने संकट के समय मालदीव को आर्थिक सहायता देने के लिए भारत का आभार भी जताया। अब्दुल्ला का यह बयान दोनों देशों के सकारात्मक होते संबंधों को दर्शाता है। खलील 2025 में भारत आने वाले किसी भी देश के पहले विदेश मंत्री हैं। मालदीव की विकास परियोजनाओं में भारतीय मदद का उल्लेख करते हुए खलील ने कहा, क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब भारत इसका नेतृत्व करेगा।
भारत की कीमत पर चीन से संबंध नहीं
चीन के साथ मालदीव के संबंधों व चीनी पोत के ठहराव को लेकर खलील ने कहा, भारत से हमारे ऐतिहासिक संबंध हैं। संकट के समय मालदीव को सबसे पहले भारत ने मदद की। इसलिए चीन या किसी भी अन्य देश से हमारा संबंध भारत के साथ संबंधों की कीमत पर नहीं होगा। हम भारत के साथ रिश्तों पर कभी समझौता नहीं करेंगे।
इंडिया आउट आंदोलन से संबंध नहीं
मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए आंदोलन पर खलील ने कहा, इससे मौजूदा सरकार का कोई संबंध नहीं है।