प्रयागराज, 1 मई 2025, गुरुवार: उत्तर प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था में एक बार फिर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2025 को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेते हुए 42 जिला एवं सत्र न्यायाधीशों (डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज) के तबादले किए हैं। इस व्यापक फेरबदल की अधिसूचना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती द्वारा जारी की गई, जिसमें कई प्रमुख जिलों में नए जिला जजों की तैनाती की गई है। यह कदम न्यायिक कार्यप्रणाली को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया है।
तबादलों की प्रमुख विशेषताएं
इस तबादला सूची में कई महत्वपूर्ण नियुक्तियां शामिल हैं, जो उत्तर प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था में नए जोश और दिशा देने का काम करेंगी। कुछ प्रमुख तबादलों का विवरण इस प्रकार है:
संजीव पांडेय: वाराणसी के जिला जज के रूप में कार्यरत संजीव पांडेय, जो ज्ञानवापी मामले जैसे सात अहम मुकदमों की सुनवाई कर रहे थे, अब मेरठ में जिला जज के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। उनकी यह नई तैनाती विशेष रूप से चर्चा में है।
कमलेश कुच्छल: संभल के जिला जज रहे कमलेश कुच्छल को झांसी का नया जिला जज नियुक्त किया गया है। उनकी नई भूमिका से झांसी की न्यायिक प्रक्रिया को नई गति मिलने की उम्मीद है।
दुर्ग नारायण सिंह: भदोही के जिला जज दुर्ग नारायण सिंह अब संभल में जिला जज की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह नियुक्ति संभल के लिए एक नया अध्याय शुरू कर सकती है।
संजीव कुमार: अलीगढ़ के जिला जज संजीव कुमार को प्रयागराज का नया जिला जज बनाया गया है। प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण जिले में उनकी नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति की उम्मीद की जा रही है।
संतोष राय: प्रयागराज के पूर्व जिला जज संतोष राय को मुजफ्फरनगर का जिला जज नियुक्त किया गया है। उनकी अनुभवी कार्यशैली मुजफ्फरनगर की न्यायिक व्यवस्था को और मजबूत करेगी।
आशीष गर्ग: मथुरा के जिला जज रहे आशीष गर्ग को गाजियाबाद का नया जिला जज बनाया गया है। गाजियाबाद जैसे व्यस्त और महत्वपूर्ण जिले में उनकी नियुक्ति से स्थानीय स्तर पर न्यायिक कार्यों में सुधार की उम्मीद है।
अन्य महत्वपूर्ण तबादले
इनके अतिरिक्त, कई अन्य जिला जजों को भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। उदाहरण के लिए:
रजत सिंह जैन: मेरठ से इटावा के जिला जज बनाए गए।
विनय कुमार: फर्रुखाबाद से हाथरस के जिला जज नियुक्त किए गए।
राममिलन सिंह: श्रावस्ती से देवरिया के जिला जज बनाए गए।
प्रदीप कुमार सिंह-द्वितीय: कानपुर नगर के जिला जज से लखनऊ पीठ में वरिष्ठ रजिस्ट्रार की भूमिका में स्थानांतरित किए गए।
तबादलों का उद्देश्य
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस बड़े पैमाने पर तबादले का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है। हाईकोर्ट प्रशासन का मानना है कि इन तबादलों से विभिन्न जिलों में लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी और न्यायिक अधिकारियों के अनुभव का बेहतर उपयोग हो सकेगा। यह कदम विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक सप्ताह के भीतर दूसरा बड़ा तबादला है। इससे पहले 28 अप्रैल को 62 जजों के तबादले किए गए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हाईकोर्ट प्रशासन न्यायिक व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
रजिस्ट्रार जनरल की भूमिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती ने इस तबादला प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 30 अप्रैल 2025 को जारी अधिसूचना (संख्या 1187 से 1228) में सभी तबादलों का विस्तृत विवरण दिया गया है। यह अधिसूचना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली के निर्देश पर तैयार की गई, जो न्यायिक प्रशासन में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
प्रभाव और अपेक्षाएं
इन तबादलों से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में न्यायिक कार्यों में नई ऊर्जा और गति आने की उम्मीद है। खास तौर पर प्रयागराज, गाजियाबाद, मेरठ, झांसी, संभल और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में नए जिला जजों की नियुक्ति से स्थानीय स्तर पर लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की संभावना है। साथ ही, इन तबादलों से न्यायिक अधिकारियों को नए अनुभव और चुनौतियों का सामना करने का अवसर मिलेगा, जो उनकी कार्यक्षमता को और निखारेगा।