नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2024, बुधवार। भारत सरकार ने राज्यों के राज्यपालों में बड़ा फेरबदल करते हुए कई महत्वपूर्ण नियुक्तियों की घोषणा की है। इस बदलाव के तहत अनुभवी राजनेताओं और अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इन नियुक्तियों में दो महत्वपूर्ण नाम जनरल वीके सिंह और आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के हैं। जनरल वीके सिंह को मिज़ोरम का गवर्नर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे ग़ाज़ियाबाद के सांसद थे और पिछले लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि सरकार ने उनके अनुभव और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है।
दूसरी तरफ़, आसिफ़ मोहम्मद ख़ान को केरल से स्थानांतरित करके बिहार का गवर्नर नियुक्त किया गया है। यह निर्णय भी सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी क्षमताओं और अनुभव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार ने राज्यों में प्रशासनिक सुधार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुभवी और क्षमतावान व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है।
केरल के पूर्व राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्ति न केवल बिहार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए भी इसका विशेष महत्व है। आरिफ़ मोहम्मद ख़ान पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके हैं। वे पश्चिम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं और उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि है, जो उन्हें हिंदुओं के बीच प्रभावी और लोकप्रिय बनाती है। इस नियुक्ति के साथ ही, राजेंद्र आर्लेकर को केरल का नया राज्यपाल बनाया गया है। आर्लेकर के पास लंबे समय का राजनीतिक अनुभव है और वे केरल में अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा, पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उनके सैन्य अनुभव और अनुशासन का लाभ मिजोरम जैसे रणनीतिक राज्य में मिलेगा।
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। भल्ला ने गृह मंत्रालय में रहते हुए कई अहम फैसलों में योगदान दिया है, और अब उनकी प्रशासनिक विशेषज्ञता का लाभ मणिपुर को मिलेगा। इन नियुक्तियों का उद्देश्य राज्यों में कुशल प्रशासन और सुशासन सुनिश्चित करना है। नई नियुक्तियों से राज्यपालों की भूमिकाओं में नई ऊर्जा और अनुभव जुड़ेगा, जो संबंधित राज्यों के विकास और समृद्धि में सहायक होगा। इन नियुक्तियों से देश के विभिन्न राज्यों में राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।