बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन पहली बार महारैली करने जा रहा है। कोसी-सीमांचल की राजधानी कहे जाने वाले पूर्णिया में महागठबंधन सरकार के तमाम दिग्गज एकजुट हो रहे हैं। कांग्रेस-वाम दलों समेत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाईटेड (JDU) के प्रमुख भारी संख्या में मंच पर पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 12:44 में मैदान में उतर गए। कुछ देर में प मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी सीधे यहीं उतरेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी पहुंच चुके हैं। रंगभूमि मैदान नीतीश-तेजस्वी मोदी सरकार के खिलाफ के लिए बिगुल फूंकेंगे। जानकार इसे महागठबंधन का शक्ति प्रदर्शन कह रहे। JDU-RJD-कांग्रेस-वाम दल और HAM के बड़े-बड़े नेता और कार्यकर्ता महारैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे।
उर्दू शिक्षकों ने शुरू किया हंगामा, हटाया जा रहा
अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल में हो रही महारैली की भीड़ में अचानक एक तरफ हंगामा होने लगा तो मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारी उर्दू शिक्षक अभ्यर्थियों को हटा दिया गया। उर्दू शिक्षक महारैली का विरोध कर रहे थे। मुख्यमंत्री के आने के पहले अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी कि अल्पसंख्यकों की रहनुमाई का दावा करने वाली महागठबंधन सरकार नौकरी का दावा बंद करे, सिर्फ हमारा रिजल्ट दे दें। मुख्यमंत्री के आने से पहले इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस मशक्कत कर रही है।
लालू वर्चुअल रहेंगे, पोस्टर से तेज प्रताप गायब
इस रैली में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह रहेंगे, लेकिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव वर्चुअल संबाेधन करेंगे। रैली की तैयारी के लिए कई मंत्री पिछले 5 दिन से पूर्णिया में कैंप कर रहे हैं। इधर, रंगभूमि मैदान से लेकर पूरे पूर्णिया शहर को पोस्टर और बैनर पाट दिया गया है। हालांकि, कई बड़े-बड़े पोस्टर से राहुल गांधी की तस्वीर गायब दिखी। पोस्टरों मे राजद की ओर से लालू और तेजस्वी की तस्वीरें हैं, हालांकि रैली में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद के बड़े बेटे मंत्री तेज प्रताप यादव भी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ आ रहे हैं।
5 लाख भीड़ जुटाने का दावा
महागठबंधन के नेता 5 लाख भीड़ जुटाने का दावा कर रहे हैं। मंत्री सह धमदाहा विधायक लेसी सिंह ने दावा किया कि रंगभूमि मैदान में महारैली ऐतिहासिक होने वाली है। मंत्री सह कसबा विधायक आफाक आलम ने दावा किया कि रैली में 5 लाख लोग पहुंच रहे हैं। इधर, लोगों की सुविधा के लिए मैदान में करीब आधा दर्जन डिजिटल स्क्रीन लगाए गए हैं। जगह-जगह बैरिकैडिंग कर दी गई है। सभा स्थल पर मुख्य मंच 2800 स्क्वायर फीट बनाया गया है। कार्यक्रम कवरेज करने के लिए 6 क्रेन कैमरा लगाए गए हैं। जानिए, कोसी-सीमांचल की राजनीतिक पिच का हालसितंबर 2022 में गृह
मंत्री अमित शाह ने रंगभूमि मैदान से ही महागठबंधन के खिलाफ रैली की थी। उस वक्त इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देखा गया था। इधर, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश-तेजस्वी पहली बार रैली कर रहे हैं। समीकरण की बात करें तो कोसी-सीमांचल में सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया समेत 7 जिले आते हैं। इसमें 36 विधानसभा क्षेत्र और 6 लोकसभा क्षेत्र है। इसमें से NDA के पास 11 और महागठबंधन के पास 26 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव 2020 में JDU को 11 और BJP के पास 10 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं RJD के खाते में 8, कांग्रेस और AIMIM 5-5 सीटें आई थी। हालांकि, कुछ समय बाद AIMIM के 4 विधायक RJD में चले गए थे। वहीं लोकसभा सीट की बात करें तो JDU के खाते में 4 सीट जबकि एक-एक सीट कांग्रेस और BJP के पास है।