महाकुंभ नगर, 27 फरवरी 2025:
परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज सिर्फ पूजा अर्चना नहीं महाकुंभ के आयोजन में लोगों के उत्साह, सरकार के इंतजाम विपक्ष के रवैये और बदलते भारत पर पैनी नजर रखते हैं।’ हो हल्ला ‘ से विशेष बातचीत में उन्होंने बेबाकी से हर पहलू पर अपनी राय रखी। दो टूक बातों के जरिये उन्होंने विपक्ष को सलाह दी तो सनातन की ताकत भी बताई।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने पहले महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि महाकुंभ में भीड़ का ज्वार नहीं दिखा बल्कि सनातन का संस्कार दिखा ज्वार तो उतर जाता है। सीएम योगी की कार्य कुशलता उनकी वीतरागता और संस्कारी सरकार ने ये कर दिखाया और महाकुंभ अतुलनीय,अद्भुत व अतुलनीय हो गया है। भविष्य में कुछ इससे भी बड़ा होने वाला है। इस महाकुंभ में लोगों ने सनातन का स्वाद चख लिया। बिना भेदभाव सबने डुबकी लगाई। पहले शाही स्नान में भीड़ होती थी इस बार हर दिन भीड़ हुई। यूपी की आबादी 25 करोड़ है और यहां इसकी दोगुनी से अधिक भीड़ ने डुबकी लगा ली। यानी दुनिया के सवा सौ से अधिक देशों की आबादी के बराबर श्रद्धालु आये।
स्वामी जी महाकुंभ को लेकर हुई राजनीति पर भी बोले,कहा कि महाकुंभ ने भारत की शक्ल बदल दी और लोगों की अक्ल भी। लोग सोंचने लगे हम डुबकी लगाने से रह जाएंगे तो चुनाव में क्या मुंह दिखाएंगे। इन्होंने हमेशा यही किया जो छपना चाहिए था वो छिपाया गया। जो छिपाना चाहिए था उसे विदेश जाकर बताया गया। उन्हें समझना चाहिए देश तलवार नहीं संस्कार के बल पर जिंदा है। विपक्ष को स्वस्थ राजनीति की सलाह देते हुए स्वामी जी ने कहा कि चुनाव से पहले दल की बात करें और चुनाव के बाद देश की। राजनीति में गिरते चले जाना ठीक नहीं हर कार्य मतलब के लिए नहीं होते। समय बलवान होता है ऐसे लोगों को किनारे लगा देता है। नरेटिव बनाने,निगेटिविटी फैलाने और नारे लगाने वाले नाले में चले गए। विदेशी चश्मों को उतारकर भारत को भारत की नजरों से देखने की जरूरत है।
बदलते भारत को लेकर स्वामी जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपनी बात शुरू की। पीएम ने ये पक्का कर लिया है कि सिर्फ विकास नहीं करना अपनी विरासत भी बचाना है। कहा कि अमेरिका में हमारे ऊर्जावान पीएम ने पहली बार योग की बात की। इससे पहले लोग अध्यात्म, माला, मंत्र की बात इसलिए नहीं करते थे कि उन्हें बैकवर्ड समझा जाएगा। आज देखिए लोग भगवा पहन कर विदेशों से आ रहे हैं क्योंकि मैचिंग ही कैचिंग है। लोगों को कैचिंग अच्छी नहीं लग रही तो वो मैचिंग में लगे हैं। दूसरों को महान और खुद को कम समझने की सोच रखने वाले और क्या कर सकते हैं।
स्वामी जी ने कटेंगे बंटेंगे नारे को एक अलग व्याख्या दी। उन्होंने कहा कि संगम का संदेश है न बंटेंगे न बांटेंगे,तोड़ना धर्म नहीं जोड़ना धर्म है,न कटेंगे न काटेंगे और न डरना व न ही डराना, यही सनातन है। सच्चाई सामने है, देखिए कुंभ सजा तो दिल्ली सज गई। हरियाणा,महाराष्ट्र, मिल्कीपुर व कुंदरकी जीत लिया। जब जब भारत बंटा है उसका नक्शा घटा है। हम परिवार हैं साथ रहेंगे। बांटने की कोशिश हो रही है लेकिन सेक्युलरिज्म तब तक जिंदा है जब तक सनातन है। सनातन नहीं रहेगा तो सेक्युलरिज्म भी नहीं रहेगा। सनातन है तो मौज है वरना फौज आ जायेगी। फौज से युद्ध पनपेगा मुश्किलें पैदा होंगी। भारत पीस ऑफ़ लैंड नहीं लैंड ऑफ पीस है। शक्ति विनाश के लिए नहीं सबको एक साथ लाने के लिए है। ऋषियों ने भारत को जो संस्कारों की वैक्सीन दी है भारत उसी विचारों व संस्कारों के बल पर खड़ा है और खड़ा रहेगा।
देवभूमि उत्तराखंड ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष व आध्यात्मिक मुखिया स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज तीर्थराज प्रयागराज के महाकुंभ में अपने आश्रम में डेरा डाले हैं। 1986 से बतौर अध्यक्ष वो देश और विदेश में सनातन की जड़ों को सींच रहे हैं। उनके आश्रम से त्रिवेणी की आरती भजन कीर्तन के साथ सभी को सनातन का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं की आवाजाही के बीच संगम के घाटों पर स्वच्छता अभियान भी चलाया। समापन पर वो भावुक होकर बोले यहां से जाने का मन नहीं कर रहा है। दो दिन और रुकेंगे पहले संगम में स्नान किया अब संगम को स्नान कराएंगे।