वाराणसी, 27 मई 2025, मंगलवार। काशी, यानी बनारस, वो पवित्र नगरी जहां गंगा की लहरें आध्यात्मिक कहानियां बुनती हैं, आजकल सैलानियों के दिलों पर राज कर रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण के बाद से इस शहर की गलियां देसी-विदेशी पर्यटकों से गुलज़ार हैं। प्रयागराज महाकुंभ-2025 की आध्यात्मिक हवा ने काशी को और भी चमका दिया है। अब सैलानी पहाड़ों की ठंडी वादियों या घाटियों की हरियाली से ज्यादा, काशी की उन तंग गलियों में खो जाना पसंद कर रहे हैं, जहां हर कोने में इतिहास, संस्कृति और भक्ति का संगम है।
आंकड़े भी काशी के इस बढ़ते आकर्षण की गवाही दे रहे हैं। साल 2023 की तुलना में 2024 में 2,06,24,117 ज्यादा पर्यटकों ने काशी की राह पकड़ी। खास बात ये कि विदेशी सैलानियों की संख्या में 34.85% का उछाल आया है! ये बढ़ती भीड़ न सिर्फ काशी की सांस्कृतिक धमक को दिखाती है, बल्कि स्थानीय लोगों की जेबें भी भर रही है। गंगा किनारे ठेले वालों से लेकर नाविकों और दुकानदारों तक, हर किसी की अर्थव्यवस्था में रौनक आई है।
काशी का सफर अब पहले से कहीं ज्यादा सुगम और शानदार हो गया है। सड़क, रेल और हवाई सेवाओं के बेहतर होने से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर और गंगा में नौका विहार का लुत्फ उठाना और भी आसान हो गया है। उप निदेशक पर्यटन आरके रावत बताते हैं कि 2023 में जहां 8,94,73,626 पर्यटक काशी आए, वहीं 2024 में ये आंकड़ा बढ़कर 11,00,97,743 को पार कर गया। यानी 18.73% की शानदार बढ़ोतरी! भारतीय पर्यटकों में भी 18.68% का इजाफा हुआ है।
तो अब अगर आप कहीं घूमने का मन बना रहे हैं, तो काशी की गलियां आपको बुला रही हैं। यहां गंगा की लहरों में शांति, मंदिरों में भक्ति और गलियों में जिंदगी का असली रंग इंतज़ार कर रहा है। बनारस की सैर करें, और इस जादुई शहर के दीवाने हो जाएं!