माघ पूर्णिमा के दिन एक माह से चल रहे माघ स्नान का समापन हो जाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भगवान विष्णु इस दिन जल में वास करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि माघ मास में सभी देवी-देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर आते हैं और पूरे माह पृथ्वी पर ही निवास करते हैं। माह पूर्णिमा के दिन प्रयाग के जल में स्न्नान कर सभी देवी-देवता भगवान विष्णु को प्रणाम कर अपने-अपने लोक लौट जाते हैं। नारद पुराण के अनुसार इस माघ पूर्णिमा के दिन तिल, सूती कपड़े,कम्बल,पगड़ी,अन्न,जूते आदि का दान करने से मनुष्य स्वर्गलोक में सुखी होता है। जो इस दिन भगवान शंकर की विधिवत पूजा करता है वह अश्वमेघ यज्ञ का फल पाकर भगवान विष्णु के लोक में प्रतिष्ठित होता है। इस दिन सत्कर्म करना अमोघ फलदाई है।
माघ पूर्णिमा उपाय
- माघ पूर्णिमा के दिन पुण्यदायी नदियों,सरोवर या समुद्र के शीतल जल में स्न्नान,सूर्य अर्घ्य करने से समस्त पापों और रोगों का नाश करता है। मन एवं आत्मा शुद्ध होती है।
- पूर्णिमा तिथि श्री विष्णु एवं माँ लक्ष्मी को अतिप्रिय है। इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि करके विष्णु जी की पूजा माता लक्ष्मी सहित करें। उन्हें बताशा, मखाने की खीर, दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाएं। इसके अलावा माता लक्ष्मी के कनकधारा स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
- संतान से जुड़ी कोई भी परेशानी या संतान प्राप्ति में आ रही बाधा को दूर करने के लिए इस दिन भावभरे मन से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें पीले वस्त्र पहनाने चाहिए।गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें एवं पूजा के बाद कान्हाजी को बेसन या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
- मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु व उनकी प्रिया देवी लक्ष्मी का निवास होता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु,माँ लक्ष्मी के साथ ही पितृगणों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने से श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहती है। सुख-सौभाग्य, धन-संतान की प्राप्ति होती है।
- इस दिन सफेद वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप दूध,चावल,सफेद वस्त्र,सुगंधित वस्तुएं जैसे इत्र,परफ्यूम और सौंदर्य सामग्री का दान कर सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन सुखद होता है,धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
- माघ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर शाम के समय चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। जल में अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस समय आप चंद्रमा के बीज मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नम:’ मंत्र का जाप कर सकते हैं। चंद्रमा के शुभ प्रभाव से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी,जीवन के कष्ट दूर होंगे।