अपने बयानों की वजह से चर्चित रहने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि ठाकुर-ठकार लोग अपनी महिलाओं को घर की कोठड़ी में बंद रखते हैं। उन्हें पकड़कर बाहर निकालने की जरूरत है।
इस मसले पर उनका काफी विरोध हो रहा था। करणी सेना ने तो उनका मुंह काला करने की धमकी तक दे दी थी। शुक्रवार रात को उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय को नीचा दिखाना नहीं था।
बिसाहूलाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मेरे विधानसभा क्षेत्र का प्रोग्राम था। मैंने वह बात विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के पदाधिकारियों के लिए बोली थी। प्रदेश के लोगों के संबंध में मैंने कोई बात नहीं बोली। न ही मैंने किसी जाति के बारे में कुछ बोला।
अगर इसके बाद भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है या दुख हुआ है तो मैं अपने बयान के लिए क्षमा मांगता हूं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बात कांग्रेस की हो या भाजपा की, मैंने महिलाओं को लेकर कुछ भी अपशब्द नहीं कहे। हमारा सिर्फ इतना कहना था कि सब लोगों को आगे आना चाहिए। समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए।
मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि हमारे क्षेत्र में चुनाव के समय भी मेरे बारे में ऊटपटांग बातें हुई थी। कभी रिवॉल्वर दिखाने की बात कही गई। कभी महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी से जोड़ा गया। जांच हुई तो कुछ भी सच नहीं मिला। कुछ ऐसे लोग रहते हैं, हर जगह।
वह ही यह सब करते हैं। वहां तो मीडिया का भी कोई व्यक्ति नहीं था। तब किसी ने मोबाइल पर वीडियो बनाया और उसके चुनिंदा हिस्से को वायरल कर दिया। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।
दो दिन पहले अनुपपूर में नारी शक्ति सम्मेलन में बिसाहूलाल संबोधित कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए। ग्रामीण महिलाएं तो खूब काम करती हैं। ठाकुर-ठकार जैसे लोग अपनी महिलाओं को कोठड़ी में बंद करके रखते हैं। उन्हें पकड़कर बाहर लाने की जरूरत है। तभी महिलाएं भी आगे आ सकेंगी। इसी बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।