गोरखपुर, 11 मई 2025, रविवार। गोरखपुर की आठ साल की मासूम मानवी ने अपने नन्हें दिल से ऐसी मिसाल पेश की है, जो हर किसी को देशभक्ति का पाठ पढ़ा रही है। कक्षा तीसरी में पढ़ने वाली इस बच्ची ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात जवानों के लिए अपनी दो साल की मेहनत से जमा की गई गुल्लक तोड़कर 25,000 रुपये दान किए। इतना ही नहीं, मानवी के इस नेक काम से प्रेरित होकर उनके पिता ने भी 25,000 रुपये जोड़े, और कुल 50,000 रुपये पीएम केयर फंड में जमा कर एक अनूठी मिसाल कायम की।
मानवी की इस दरियादिली की कहानी हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इस नन्ही बच्ची की सोच और जज्बे को सलाम कर रहे हैं। उसने न सिर्फ अपने छोटे-छोटे सपनों को देश के लिए समर्पित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि उम्र भले ही छोटी हो, इरादे बड़े हो सकते हैं। मानवी का कहना है कि उसे अपने परिवार से देशभक्ति का संस्कार मिला है। हाल ही में पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने उसे अंदर तक झकझोर दिया। उसने बताया, “मैं पहलगाम परिवार के साथ घूमने गई थी। वहां हुई घटना ने मुझे दुखी किया। मैं चाहती थी कि देश के जवानों के लिए कुछ करूं। मेरी गुल्लक की छोटी-सी भेंट भी उनके लिए काम आए।”
मानवी का यह कदम देश के लिए एक आहुति है, जो हर किसी को प्रेरित करता है। उसने आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए हर नागरिक को आगे आना चाहिए। इस नन्ही बच्ची ने साबित कर दिया कि देशप्रेम की कोई उम्र नहीं होती। मानवी के जज्बे को सलाम, उसकी सोच को सलाम, और उसकी मासूमियत को सलाम!