पंजाब के लुधियाना के गांव मानगढ़ तालाब में नहाने गए एक ही परिवार के चार बच्चों समेत पांच की डूबने से मौत हो गई। बच्चों को बचाने गए 22 वर्षीय युवक की भी डूबने से जान चली गई। तालाब में डूबने वालों में दो लड़कियां और तीन लड़के हैं। कंट्रोल रूप में सूचना मिलने के बाद थाना कूमकलां की पुलिस भी मौके पर टीम के साथ पहुंची। पुलिस ने गोताखोरों को बुलाया और सभी शवों को बाहर निकलवाया। मृतक बच्चों की पहचान मोहम्मद कालिम (10), लक्ष्मी (10) उसका भाई छोटे (8), मोनू (6) और सबसे छोटी बहन प्रिया (4) के रूप में हुई है, जबकि उन्हें बचाने गए मृतक युवक की पहचान राहुल के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी के शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिए हैं। मृतक चार बच्चों का पिता संजय मूलरूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित गुलिया, पीओ रहाता का रहने वाला है। यहां वह मुकेश के बेहड़े (आंगन) में परिवार संग रहता है और मजदूरी करता है।
शुक्रवार को उनके बच्चे खेलने छप्पड़ के पास चले गए। इसी दौरान घर से ईद का सामान लेने निकला मोहम्मद कालिम भी उनके साथ खेलने लगा। खेलते वक्त बच्चे तालाब में नहाने भी लगे। इस दौरान सभी तालाब में डूब गए। बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे लेकिन किसी ने भी तालाब में उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई।
इसी दौरान राहुल बच्चों को बचाने के लिए तालाब में कूद गया लेकिन वह भी वापस नहीं आया और डूब गया। इस घटना से पूरे गांव में कोहराम मच गया और भारी संख्या में गांव के लोग इकट्ठे हो गए। सूचना मिलते ही ज्वाइंट कमिश्नर सचिन गुप्ता, एडीसीपी जसकिरण जीत सिंह तेजा, एसीपी सिमरनजीत सिंह, कूमकलां थाने के प्रभारी हर्षपाल के साथ मौके पर पहुंचे।
थाना कूमकलां के एसएचओ हर्षपाल ने बताया कि बच्चों के शव कुछ ही समय में निकलवा लिए थे। राहुल का भी शव निकलवा लिया है। वह मूलरूप से बिहार के छपरा का रहने वाला था। उसके परिवार को भी सूचना दे दी गई है। सभी के शवों का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल में करवाया जाएगा।
बच्चों की मौत से छाया मातम
संजय पिछले काफी समय से गांव मानगढ़ में मजदूरी करता है और काफी मिलनसार है। उसके बच्चों को भी लोग काफी प्यार करते थे। जैसे ही सभी बच्चों के मरने की खबर लोगों तक पहुंची तो पूरे गांव में मातम छा गया। सभी लोग संजय और उसकी पत्नी को ढांढस बंधाते रहे। उधर, ईद का त्योहार मनाने की तैयारी में जुटे कालिम के परिवार पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने ईद का त्योहार मनाने के लिए बच्चे को सामान लाने भेजा था लेकिन बच्चे की मौत से परिवार शोक में डूब गया है।