लखनऊ, 23 अप्रैल, 2025, बुधवार। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में करीब 40 लोगों की जान चली गई, जिसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा के पर्यटकों के साथ-साथ एक यूएई और एक नेपाल का नागरिक भी शामिल था। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया। यूपी के सभी जिलों, खासकर नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों और भीड़-भाड़ वाले बस व रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।
पहलगाम हमले ने बढ़ाई सुरक्षा चिंताएं
पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस घटना ने देश भर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया, खासकर उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य में, जो अपनी घनी आबादी और रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
डीजीपी प्रशांत कुमार का त्वरित एक्शन
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार, जिन्हें उनकी तेज-तर्रार कार्यशैली और अपराधियों के खिलाफ सख्ती के लिए ‘सिंघम’ के नाम से जाना जाता है, ने पहलगाम हमले के तुरंत बाद यूपी पुलिस को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया। लखनऊ में पुलिस मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कमिश्नरेट और जिला पुलिस अधिकारियों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को हल्के में न लिया जाए और संवेदनशील इलाकों में सघन चेकिंग सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने विशेष रूप से नेपाल सीमा से सटे जिलों जैसे महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, और बहराइच में चौकसी बढ़ाने पर जोर दिया। इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, मॉल, सिनेमाघरों, और धार्मिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। डीजीपी ने सभी राज्यों को भी सतर्क रहने की सलाह दी, क्योंकि आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल यूपी जैसे बड़े राज्यों में शरण लेने की कोशिश कर सकते हैं।
नेपाल सीमा और सार्वजनिक स्थानों पर कड़ी निगरानी
नेपाल के साथ यूपी की 599 किलोमीटर लंबी खुली सीमा हमेशा से सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती रही है। पहलगाम हमले के बाद डीजीपी ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ समन्वय स्थापित कर सीमा पर सघन चेकिंग और गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। सीमा पर सभी चेक पोस्ट पर बैरियर लगाकर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की कड़ी जांच की जा रही है।
लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, और अन्य प्रमुख शहरों के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर स्निफर डॉग और बम स्क्वॉड की टीमें तैनात की गई हैं। भीड़-भाड़ वाले बाजारों और धार्मिक स्थलों पर ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। यूपी पुलिस का ऑपरेशन त्रिनेत्र, जिसके तहत सीसीटीवी कैमरों का व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है, इस दौरान और सक्रिय कर दिया गया है।
यूपी पुलिस की सतर्कता का इतिहास
प्रशांत कुमार के नेतृत्व में यूपी पुलिस ने पहले भी कई संवेदनशील मौकों पर अपनी सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का परिचय दिया है। हाल ही में, कौशांबी में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एक आतंकी की गिरफ्तारी और राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का पर्दाफाश इसका उदाहरण है। डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि यूपी पुलिस किसी भी आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
आम जनता से सतर्कता की अपील
डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूपी पुलिस ने नागरिकों को जागरूक करने के लिए डिजिटल वॉरियर्स की टीमों को भी सक्रिय किया है, जो साइबर अपराध और फर्जी खबरों पर नजर रख रही हैं।
यूपी पुलिस की अभेद्य सुरक्षा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित और व्यापक कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हाथों में है। डीजीपी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में यूपी पुलिस न केवल आतंकी खतरों से निपटने के लिए तैयार है, बल्कि आम जनता के बीच विश्वास भी जगाने में सफल रही है। नेपाल सीमा से लेकर रेलवे स्टेशनों तक, हर संवेदनशील क्षेत्र में कड़ी चौकसी और तकनीकी निगरानी के साथ यूपी पुलिस किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार है।