लखनऊ, 3 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इन प्रस्तावों में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, श्रम सुधार और वित्तीय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कई अहम निर्णय लिए गए।
औद्योगिक विकास को गति
औद्योगिक विकास विभाग के तहत कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 49.96 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दी गई, जिसकी अनुमानित लागत 4,776 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) क्षेत्र में नई औद्योगिक टाउनशिप योजना और BIDA के विकास के लिए भूमि संबंधी प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली। औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को सब्सिडी और लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने का प्रस्ताव भी पास हुआ।
रोजगार मिशन को मंजूरी
श्रम व सेवायोजन विभाग के तहत ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन को मंजूरी दी गई। इसका लक्ष्य अगले एक वर्ष में 25 से 30 हजार बेरोजगारों को विदेश में और करीब 1 लाख बेरोजगारों को देश के निजी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करना है। इसके साथ ही कारखानों में कार्यरत महिला कामगारों के लिए नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के तहत निगमों द्वारा उत्पादित 11 प्रकार की वस्तुओं की खरीद को अनिवार्य करने का प्रस्ताव पास हुआ। साथ ही, उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड से पूर्व सैनिकों और होमगार्ड की सेवाएं GeM पोर्टल से इतर सीधे लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसमें पूर्व सैनिकों को भी शामिल किया गया है।
अयोध्या में सुरक्षा और विकास
अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए कैंटोनमेंट क्षेत्र में NSG हब सेंटर के निर्माण को मंजूरी दी गई, जिसे भारत सरकार को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, लखनऊ में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) सोसायटी को भंग कर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का निर्णय लिया गया।
वित्तीय सुधार और राजस्व वृद्धि
वित्त विभाग के तहत इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के निर्माण को मंजूरी दी गई। साथ ही, राजस्व वृद्धि और परिवहन विभाग के कर ढांचे में बदलाव के लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4 और 4(9) में संशोधन को स्वीकृति मिली, जिसमें वन टाइम टैक्स की व्यवस्था लागू की जाएगी।
भाषा विभाग में सुधार
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह संस्थान भाषा विभाग के नियंत्रण में स्वशासी है और वर्तमान में इसमें चार कार्मिक कार्यरत हैं। इन निर्णयों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और प्रशासनिक सुधारों को गति मिलने की उम्मीद है।