लखनऊ, 19 मई 2025, सोमवार। लखनऊ के चिनहट इलाके में एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया, जिसने मां-बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया। सेमरा गांव में शनिवार देर रात 40 वर्षीय ऊषा सिंह की निर्मम हत्या का खुलासा हुआ, और सच्चाई जानकर हर कोई स्तब्ध रह गया। हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि ऊषा की 14 साल की नाबालिग बेटी और उसका मुस्लिम प्रेमी निकला। प्यार में मां की रोकटोक को बर्दाश्त न कर पाने की सजा ऊषा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
मां की ममता पर बेटी का कहर
ऊषा सिंह, जो ऑडिट भवन में हाउसकीपिंग का काम करती थीं, विधवा थीं और 12 साल पहले पति के निधन के बाद अकेले ही अपनी बेटी की परवरिश कर रही थीं। मेहनत और ममता से उन्होंने बेटी को पाला, लेकिन बेटी के प्रेम संबंधों ने उनके रिश्ते में दरार डाल दी। नाबालिग बेटी का एक मुस्लिम युवक से प्रेम संबंध था, जिसका ऊषा ने कड़ा विरोध किया। यह विरोध बेटी को इतना नागवार गुजरा कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर मां को रास्ते से हटाने की ठान ली।
शनिवार रात, जब ऊषा घर पर थीं, बेटी ने अपने प्रेमी को बुलाया। दोनों ने मिलकर शीशे की खिड़की तोड़ी और कांच के एक टुकड़े से ऊषा का गला रेत दिया। इतना ही नहीं, हत्या को बलात्कार का रूप देने के लिए उन्होंने ऊषा के कपड़े उतारकर शव को निर्वस्त्र छोड़ दिया। इस क्रूरता ने न सिर्फ एक मां की जान ली, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी झकझोर दिया।
पुलिस की सख्ती ने उजागर की सच्चाई
घटना की सूचना ऊषा के भाई ने पुलिस को दी, जिसके बाद चिनहट पुलिस तुरंत हरकत में आई। शुरुआत में बेटी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और दावा किया कि वह रात को घर पर नहीं थी। लेकिन सर्विलांस सेल ने उसकी मोबाइल लोकेशन ट्रेस की, जो घर पर ही मिली। सख्त पूछताछ में बेटी टूट गई और उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की साजिश कबूल कर ली। पुलिस ने दोनों नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया और उन्हें बाल सुधार गृह भेजने की प्रक्रिया शुरू की।
पुरानी रंजिश और प्रेम का बदला
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बेटी का अपने प्रेमी के साथ रिश्ता पुराना था। 2024 में वह प्रेमी के साथ भाग गई थी, जिसके बाद ऊषा ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तब बेटी को बरामद कर लिया था, लेकिन इस घटना ने मां-बेटी के बीच तनाव को और गहरा कर दिया। ऊषा ने बेटी को प्रेमी से मिलने से सख्ती से मना किया, जिसे बेटी बर्दाश्त नहीं कर सकी। इसी नाराजगी ने उस खौफनाक रात को जन्म दिया, जब बेटी ने अपनी ही मां की हत्या की साजिश रच डाली।
समाज के लिए एक चेतावनी
इस हत्याकांड ने न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। एक मां, जो अपनी बेटी के भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत कर रही थी, उसी बेटी के हाथों मारी गई। यह घटना नाबालिग बच्चों के बीच बढ़ते प्रेम संबंधों, माता-पिता के साथ संवाद की कमी और सामाजिक मूल्यों के क्षरण की ओर इशारा करती है। पुलिस ने मामले की गहन जांच के लिए तीन विशेष टीमें और फॉरेंसिक विशेषज्ञों को लगाया है, ताकि हर पहलू की पड़ताल की जा सके।
लखनऊ का यह हत्याकांड सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि अगर समय रहते परिवार और समाज बच्चों के मन को नहीं समझे, तो ऐसी त्रासदियां दोबारा हो सकती हैं।