लखनऊ, 1 अगस्त 2025: बलरामपुर धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पांच दिन की कस्टडी रिमांड आज शाम 5 बजे समाप्त हो रही है। सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है कि रिमांड के चौथे दिन छांगुर ने ED के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने कथित तौर पर पाकिस्तान सहित कई देशों से आर्थिक मदद मिलने की बात स्वीकारी। साथ ही, दुबई की अपनी यात्राओं के लिए मददगारों द्वारा इंतजाम किए जाने और वहां कई लोगों से रिश्तों की बात भी कबूल की।
ED ने छांगुर से विदेशी फंडिंग, हवाला नेटवर्क, और बेनामी संपत्तियों को लेकर गहन पूछताछ की। जांच एजेंसी ने उसे दस्तावेजों और बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड के आधार पर सवालों में घेरा। सूत्रों के मुताबिक, छांगुर ने विदेशी खातों से अपने नेटवर्क को लगभग 63 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलने की बात स्वीकारी, जिसमें से कुछ राशि का इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण और संपत्ति खरीदने में किया गया। हालांकि, वह कई सवालों पर गोलमोल जवाब देता रहा और जिम्मेदारी अपनी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और नवीन रोहरा पर डालने की कोशिश की।
नवीन और नीतू पर ED की नजर
छांगुर की रिमांड खत्म होने के बाद ED अब उसके करीबी सहयोगी नवीन रोहरा और नीतू उर्फ नसरीन से पूछताछ की तैयारी में है। ED ने नवीन को रिमांड पर लेने के लिए लखनऊ की विशेष कोर्ट में अर्जी दाखिल की है, जिस पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, ED नीतू से भी कस्टडी रिमांड मांग सकती है, क्योंकि जांच में उनके बैंक खातों में दुबई और अन्य खाड़ी देशों से भारी मात्रा में फंडिंग का खुलासा हुआ है।
दुबई कनेक्शन और हवाला नेटवर्क
छांगुर ने पूछताछ में दुबई में अपने नेटवर्क और वहां की यात्राओं के लिए सहयोगियों द्वारा किए गए इंतजामों का जिक्र किया। ED को शक है कि नवीन रोहरा द्वारा 2003 में पनामा में रजिस्टर्ड साउथ अफ्रीका की कंपनी ‘लोगोस मरीन एसए’ के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर और उसके सहयोगियों के 22 बैंक खातों में 60 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग हुई, जिसमें से 2.55 करोड़ रुपये यूएई से आए।
आज भी होगी पूछताछ
रिमांड के आखिरी दिन आज ED छांगुर से हवाला नेटवर्क, विदेशी फंडिंग के स्रोत, और संदिग्ध संपत्तियों को लेकर अंतिम पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी को शक है कि छांगुर का नेटवर्क नेपाल के रास्ते पाकिस्तान, सऊदी अरब, और तुर्किये जैसे देशों से फंडिंग लेता था। इसके लिए नेपाल के सीमावर्ती जिलों में 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए थे।
पृष्ठभूमि और जांच का दायरा
ED ने 17 जुलाई को बलरामपुर, लखनऊ, और मुंबई में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, और हवाला लेनदेन के सबूत मिले। जांच में सामने आया कि छांगुर ने नीतू और नवीन के नाम पर बलरामपुर और पुणे में 75-80 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदीं। इसके अलावा, नीतू के नाम पर उतरौला में 5 करोड़ रुपये का शोरूम और पुणे में 16 करोड़ की संपत्ति भी दर्ज है।
ED और ATS की संयुक्त जांच में छांगुर के नेटवर्क के कई और सदस्यों की तलाश जारी है। ATS की एक टीम मुंबई में छांगुर के चार मददगारों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। इस मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक कनेक्शन की भी जांच हो रही है, क्योंकि छांगुर के एक करीबी ने पूर्व IPS अधिकारी और कुछ नेताओं से उसके संबंध होने का दावा किया है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि छांगुर का नेटवर्क न केवल धर्मांतरण बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय था। इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।