लखनऊ, 9 जुलाई 2025: कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस मनीष माथुर की एकल पीठ ने 19 जून 2025 के निलंबन आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने पैरवी की।
डॉ. हरिदत्त ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि बिना विभागीय जांच या उचित प्रक्रिया के उन्हें पद से हटाया गया और उसी दिन विपक्षी पार्टी संख्या 3 को CMO पद पर तैनात कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उन्हें केवल माइनर पेनल्टी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, न कि निलंबन के लिए।
हाईकोर्ट का अवलोकन
हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की दलीलों को सही पाया। कोर्ट ने कहा कि निलंबन आदेश बिना विभागीय जांच और सुनवाई के पारित किया गया, जो उत्तर प्रदेश सरकार सेवक (अनुशासन और अपील) नियम, 1999 का उल्लंघन है।
अंतरिम आदेश
कोर्ट ने 19 जून 2025 के दोनों निलंबन आदेशों (Annexure 1 और 2) पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। साथ ही, राज्य सरकार और अन्य पक्षों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त 2025 को होगी।
यह फैसला कानपुर के स्वास्थ्य प्रशासन में चल रही उथल-पुथल के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है।