लखनऊ, 20 जून 2025, शुक्रवार: राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में गुरुवार दोपहर एक शर्मनाक घटना सामने आई, जिसमें ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर (TSI) धर्मेंद्र सिंह ने नशे की हालत में हुसडिया चौराहे के पास जमकर हंगामा मचाया। नशे में धुत TSI ने एक गरीब मटके की दुकान पर न केवल तोड़फोड़ की, बल्कि दुकानदार के साथ मारपीट और उसकी भतीजी के साथ बदसलूकी भी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, जिसके चलते TSI धर्मेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
घटना गुरुवार दोपहर गोमती नगर के हुसडिया चौराहे के पास की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वर्दी में नशे की हालत में TSI धर्मेंद्र सिंह दुकान पर पहुंचे और मटके की दुकान चलाने वाले गरीब दुकानदार से उलझ पड़े। नशे में लड़खड़ाते हुए उन्होंने दुकान पर तोड़फोड़ शुरू कर दी और दुकानदार के साथ हाथापाई की। इतना ही नहीं, दुकान पर मौजूद दुकानदार की भतीजी के साथ भी उनकी अभद्र टिप्पणियों और बदसलूकी ने स्थानीय लोगों को आक्रोशित कर दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि TSI नशे में इतने अनियंत्रित थे कि वह दुकान पर ही गिर पड़े।
स्थानीय लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने के बाद लखनऊ पुलिस आयुक्त (CP) ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया। सहायक पुलिस आयुक्त (ACP), यातायात, पूर्वी को जांच सौंपी गई। जांच में धर्मेंद्र सिंह द्वारा ड्यूटी के दौरान मादक द्रव्य (एल्कोहल) का सेवन किए जाने की पुष्टि हुई। इसके आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही, उनके खिलाफ मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है और आगे की विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक X हैंडल (@lucknowtraffic) ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा, “यातायात उपनिरीक्षक धर्मेंद्र सिंह द्वारा ड्यूटी के दौरान मादक द्रव्य का सेवन किए जाने पर, सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात, पूर्वी की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।”
इस घटना ने खाकी वर्दी की गरिमा पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान सख्त निगरानी और नियमित जांच होनी चाहिए।
पुलिस विभाग ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि ड्यूटी के दौरान इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच अभी जारी है, और यह देखना बाकी है कि इस घटना के बाद विभागीय स्तर पर और क्या कदम उठाए जाते हैं।