लखनऊ, 26 अप्रैल 2025, शनिवार। लखनऊ के बहुचर्चित डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ा एक्शन शुरू कर दिया है। इस घोटाले में शामिल 16 अधिकारियों को दोषी पाए जाने के बाद सरकार ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। तत्कालीन राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह को चार्जशीट थमाई गई है, जबकि अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का सिलसिला तेज हो गया है। यह कदम न केवल भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है, बल्कि जनता के बीच सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है।
क्या है डिफेंस कॉरिडोर घोटाला?
लखनऊ की सरोजनीनगर तहसील के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई थीं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना, जो रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है, के लिए अधिग्रहित जमीन में भारी गड़बड़ियां पकड़ी गईं। जांच में पता चला कि अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार का खेल खेला, जिससे सरकारी खजाने और परियोजना की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा।
16 अधिकारियों पर गिरी गाज
शासन की गहन जांच के बाद इस घोटाले में 16 अधिकारियों को दोषी ठहराया गया। इनमें बड़े नाम शामिल हैं, जैसे:
तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश
तत्कालीन एडीएम
चार एसडीएम
चार तहसीलदार
तीन कानूनगो
दो लेखपाल
इन अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की और व्यक्तिगत लाभ के लिए अनुचित तरीके अपनाए। जांच में इनके खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।
जितेंद्र सिंह को चार्जशीट, अन्य पर कार्रवाई
तत्कालीन राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह को इस घोटाले में अहम भूमिका निभाने के लिए चार्जशीट दी गई है। इसके साथ ही, अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है। शासन ने सभी जिलाधिकारियों से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है, ताकि कोई भी दोषी बच न सके। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और प्रभावी हो।
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की नीति शुरू से ही स्पष्ट रही है—कोई बख्शा नहीं जाएगा। डिफेंस कॉरिडोर जैसे राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट में हुई अनियमितताओं को बर्दाश्त न करते हुए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। इस कार्रवाई से न केवल दोषियों को सबक मिलेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए भी एक मिसाल कायम होगी।