लखनऊ, 6 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (UP ATS) ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया है। छांगुर बाबा पर हिंदू लड़कियों को प्रलोभन, धमकी और प्रेम जाल में फंसाकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप है। इस मामले में यूपी ATS की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
विदेशी फंडिंग और अकूत संपत्ति
यूपी ATS की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उसके गिरोह ने विदेशी फंडिंग के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये का लेन-देन किया। गिरोह ने विभिन्न नामों और फर्जी संस्थाओं के तहत 40 से अधिक बैंक खाते खोले थे। इस फंडिंग का उपयोग शोरूम, बंगले, और लग्जरी गाड़ियां खरीदने में किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा ने पिछले एक साल में करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की।
जातिगत रेट फिक्सिंग का खुलासा
जांच में एक सनसनीखेज तथ्य सामने आया कि छांगुर बाबा के गिरोह ने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए उनकी जाति के आधार पर रेट तय किए थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय, और सरदार लड़कियों के इस्लाम अपनाने पर 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये, और अन्य जातियों की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये दिए जाते थे।
प्रेम जाल और ब्रेनवॉश का खेल
छांगुर बाबा और उसके सहयोगी गरीब, असहाय, और कमजोर तबके की लड़कियों को निशाना बनाते थे। लखनऊ की गुंजा गुप्ता का मामला इसका उदाहरण है, जहां अबू अंसारी ने हिंदू नाम ‘अमित’ का उपयोग कर उसे प्रेम जाल में फंसाया और धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। इसके बाद उसका नाम अलीना अंसारी रखा गया। यूपी ATS के अनुसार, गिरोह ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक का उपयोग कर इस्लाम का प्रचार-प्रसार करता था, जिसे ब्रेनवॉश करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा और उसके गिरोह के सदस्यों ने 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की। इन यात्राओं को विदेशी फंडिंग से जोड़ा जा रहा है, जिसकी गहन जांच की जा रही है। यूपी ATS का मानना है कि यह नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
इस मामले में पहले ही छांगुर बाबा के बेटे महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन को 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद हैं। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था और 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
एडीजीपी का बयान
एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश ने कहा, “यह केवल अवैध धर्मांतरण का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है। विदेशी ताकतों की संलिप्तता की जांच की जा रही है।” उन्होंने बताया कि गिरोह ने नाबालिग लड़कियों को भी निशाना बनाया और प्रलोभन, धमकी, और फर्जी मुकदमों के जरिए दबाव बनाया।
कानूनी कार्रवाई और भविष्य की जांच
उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। यूपी ATS और STF संयुक्त रूप से इस नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने के लिए जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
सामाजिक और धार्मिक चिंता
यह मामला देश की धार्मिक और सामाजिक एकता के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद जैसे संगठनों ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और मांग की है कि ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म किया जाए।
यूपी ATS और STF इस मामले में और गहराई से जांच कर रही हैं ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और विदेशी फंडिंग के स्रोतों का पता लगाया जा सके। यह मामला न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करता है।