लखनऊ, 17 जून 2025, मंगलवार: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अल्पसंख्यक सभा के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में पार्टी की रणनीति और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के बाद अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, कुंभ मेले में हुई मौतों और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए।
अल्पसंख्यक सभा को बताया पार्टी का महत्वपूर्ण अंग
अखिलेश यादव ने अल्पसंख्यक सभा को समाजवादी पार्टी का अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि यह सभा सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक सभा समाजवादी पार्टी का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारी ताकत है और सामाजिक एकता को बढ़ाने में इसका बड़ा योगदान है।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा, कांग्रेस के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन के तहत लड़ेगी।
सोने के दाम और महंगाई पर बीजेपी को घेरा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने बढ़ती महंगाई और सोने की कीमतों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “सोने का भाव 1 लाख रुपये से ऊपर चला गया है। यही है बीजेपी का ‘सबका साथ, सबका विकास’? क्या विकसित भारत का मतलब यही है कि कोई गरीब अपनी बेटी की शादी नहीं कर पाएगा?” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीतियों ने आम जनता का जीवन मुश्किल बना दिया है।
कुंभ मेले में मौतों पर सवाल, आंकड़े छिपाने का आरोप
अखिलेश ने कुंभ मेले में हुई 82 मौतों का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर आंकड़े छिपाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कुंभ जैसे पवित्र आयोजन में 82 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार अब भी इसे छिपा रही है। क्या इसलिए आंकड़े छुपाए गए ताकि मुआवजा न देना पड़े? जो लोग ऐसे पवित्र काम में झूठ बोल सकते हैं, वे किसी भी चीज के लिए झूठ बोल सकते हैं। बीजेपी के आंकड़ों पर कोई भरोसा नहीं है।”
बेरोजगारी और आर्थिक नीतियों पर तीखा प्रहार
सपा प्रमुख ने बेरोजगारी को लेकर भी बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है। बीजेपी ने पढ़े-लिखे नौजवानों को बेरोजगार बनाने का काम किया है। रोजगार और नौकरी के सर्टिफिकेट देने की बात तो दूर, सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब तक बिजली सस्ती नहीं होगी, तब तक उत्तर प्रदेश में कोई नया कारखाना नहीं लगेगा, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हों।
विकसित भारत के दावे पर सवाल
अखिलेश ने बीजेपी के ‘विकसित भारत’ के नारे को खोखला करार देते हुए कहा कि सरकार की नीतियां गरीबों और मध्यम वर्ग के खिलाफ हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यही विकसित भारत है, जहां महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है? सरकार की नीतियों के कारण हर वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा है।”
आगामी रणनीति पर जोर
बैठक में अल्पसंख्यक सभा के नेताओं के साथ 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जनता के बीच जाने और उनकी समस्याओं को उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सपा संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के जरिए सामाजिक न्याय की लड़ाई को और मजबूत करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रभाव
अखिलेश यादव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। उनके बयानों को विपक्षी एकता और बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सपा कार्यकर्ताओं में इस बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस से नया जोश देखने को मिला है, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सपा पर झूठे दावों का सहारा लेने का आरोप लगाया है।
समाजवादी पार्टी की यह बैठक और अखिलेश के बयान आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़े सियासी समर की शुरुआत का संकेत दे रहे हैं।