अपहरण की झूठी कहानी की शुरूआती जांच में पुलिस को पता चला है कि युवक और युवती पिछले काफी समय से रुपए हासिल करने के लिए प्लानिंग कर रहे थे। सोच समझकर दोनों ने मिलकर अपहरण की कहानी गढ़ी। प्रेमी के साथ भागने से पहले शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे लड़की ने जनतानगर चौकी क्षेत्र स्थित प्रेमी के घर गई और वहां खुद का अपहरण को साबित करने के लिए खुद को बंधा दिखाकर एक वीडियो रिकार्ड किया।
इसके बाद शाम करीब चार बजे दवा लेने के बहाने घर से निकली लेकिन रुपए न होने का बहाना बनाकर पिता से एटीएम ले लिया। एसबीआई के एटीएम से आठ हजार रुपए निकालकर वह सीधे प्रेमी के घर पहुंची और एक बैग में कपड़े और कुछ सामान लेकर फरार हो गई। दोनों इसके बाद चकेरी पहुंचे और रात करीब साढ़े आठ बजे एक वॉयस नोट के साथ वीडियो भेजकर अपहरण और फिरौती की पहली सूचना परिजनों को भेज दी।
दबाव बनाने के लिए युवती ने अर्धनग्न अवस्था में अपना वीडियो भेजा ताकि परिजन जल्दी और ज्यादा दबाव में आ जाएं। अपहरण की बात सामने आते ही परिजनों के हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने सीधे पुलिस के पास गए।
10 लाख की फिरौती की शिकायत पर जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने कई टीमें लगाकर लड़की और उसके अपहर्ता की तलाश शुरू कर दी। चकेरी में फोन की लोकेशन ट्रेस के होने के बाद सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो युवती और युवक साथ दिखे। हालांकि चकेरी से वह बस से लखनऊ निकल गए।
48 घंटे में कर डाला 484 किलोमीटर का सफर, मंदिर भी गए
अपहरण की कहानी गढ़ने और पकड़े जाने तक प्रेमी युगल ने शुक्रवार शाम से रविवार शाम तक छह जिलों होते हुए 484 किलोमीटर का सफर कर डाला। कानपुर से भागने के बाद दोनों लखनऊ में हजरतगंज और मोहनलालगंज में रुके। अपनी मांग माने जाने तक पुलिस से बचने के लिए सुल्तानपुर, गोंडा, अयोध्या और बस्ती तक भटकते रहे।
अयोध्या में भगवान राम के निर्माणाधीन मंदिर जाकर दर्शन भी किए। मन्नत मांगी कि उनकी मुराद पूरी हो जाए और वह अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकें लेकिन उनकी मुराद पूरी न हो सकी। पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस से बचने के लिए दोनों लगातार अलग-अलग लोकेशन में फोन ऑन कर घरवालों को फोन करते और फिर स्विच ऑफ कर देते।
पैसों की कमी और डर ने करवा दी गलती, आ गए राडार में
प्रेमी जोड़े को पैसों की कमी और पकड़े जाने के डर ने गलती करवा दी, जो उन्हें भारी पड़ गई। दोनों ने तय किया था कि फोन तभी ऑन करेंगे जब लोकेशन बदलनी हो। चकेरी में अपहरण की सूचना देने के बाद दोनों ने फोन बंद किया और लखनऊ निकल गए। लखनऊ से सुल्तानपुर के रास्ते गोंडा जाते हुए मैसेज और कॉल किया।
लेकिन जब डेढ़ दिन बाद भी रुपये मिलने की सूरत नहीं दिखी तो रविवार दोपहर पहले दिन में और फिर शाम करीब साढ़े पांच बजे उसने पिता को फोन कर दिया। इन फोन कॉल को बस्ती और गोंडा के बीच लगाए दो चक्कर में किया गया। इससे एक पैटर्न बन गया और उस पैटर्न को पकड़कर पुलिस ने उन्हें ट्रेस कर धर दबोचा।
मैरिज सर्टिफिकेट भी जांच के दायरे में
पुलिस को जांच के दौरान एक मैरिज सर्टिफिकेट मिला है। इस सर्टिफिकेट के लिए युवक का पता कैंट का है जबकि वह लंबे समय से बर्रा के जनतानगर चौकी क्षेत्र में में रह रहा है। इसी घर में लगातार युवती का भी आना-जाना था। चूंकि और वर्तमान पते और पंजीकरण के पते में भिन्नता है। ऐसे में पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं आरोपी युवक ने कोई फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शादी का पंजीकरण तो नहीं कराया।