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Sunday, July 6, 2025

गर्भगृह में विराजमान हुए प्रभु श्रीराम, आवरण 20 जनवरी को हटाया जाएगा

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का विधिवत कर्मकांड बृहस्पतिवार को गणेश पूजन के साथ शुरू हो गया। शुभ मुहूर्त में दोपहर 1:20 बजे गणेश, अंबिका और तीर्थ पूजा की गई। इससे पहले 12:30 बजे रामलला की अचल मूर्ति को आसन पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विराजित कराया गया। पहले दिन करीब सात घंटे तक पूजन चला। मुख्य यजमान अशोक सिंहल फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश भागचंदका रहे।

काशी के आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में पूजन प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। रामलला के अचल विग्रह को अभी ढक कर रखा गया है। आवरण 20 जनवरी को हटाया जाएगा। बृहस्पतिवार को ढकी मूर्ति का ही पूजन किया गया। रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया।

पूजन के क्रम में ही राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास व गंधाधिवास हुआ।उधर, रामलला के नवनिर्मित मंदिर में अचल विग्रह की स्थापना के साथ विराजमान रामलला को भी पूजित-प्रतिष्ठित किया जाएगा। राममंदिर के गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला की 51 इंच की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। उनके सिंहासन के ठीक आगे विराजमान रामलला स्थापित होंगे। वे मंदिर में चल मूर्ति यानी उत्सव मूर्ति के रूप में पूजित होंगे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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