नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025: लोकसभा का मानसून सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के अंतिम दिन विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच 12 विधेयक बिना चर्चा या संक्षिप्त चर्चा के पारित किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही में नियोजित तरीके से व्यवधान डाला गया, जो लोकतंत्र और संसद की मर्यादा के खिलाफ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद थे।
सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी, जिसमें 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 12 पारित हुए। इनमें गोवा विधानसभा क्षेत्र पुनर्समायोजन विधेयक 2025, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2025, मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, आयकर विधेयक 2025, और ऑनलाइन खेल संवर्धन विधेयक 2025 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं। कुछ विधेयकों को हंगामे के बीच संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया, जिनमें संविधान (130वां संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर लगातार हंगामा किया, जिससे प्रश्नकाल और चर्चाएं प्रभावित हुईं। सत्र के लिए निर्धारित 419 तारांकित प्रश्नों में से केवल 55 का ही मौखिक उत्तर दिया जा सका। स्पीकर बिरला ने बताया कि 120 घंटे की चर्चा का लक्ष्य था, लेकिन विपक्ष के व्यवधान के कारण केवल 37 घंटे ही चर्चा हो पाई।
सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर 28-29 जुलाई को हुई विशेष चर्चा बिना व्यवधान के पूरी हुई, जिसमें पीएम मोदी ने जवाब दिया। हालांकि, 18 अगस्त को अंतरिक्ष कार्यक्रम पर चर्चा हंगामे के कारण अधूरी रह गई। बिरला ने विपक्ष के तख्तियां लहराने और नारेबाजी जैसे व्यवहार को संसद की गरिमा के खिलाफ बताया और कहा कि जनता के प्रतिनिधियों से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती।
सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली, खासकर जब गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तीन विधेयक पेश किए। विपक्ष के लगातार शोर-शराबे ने सत्र की उत्पादकता को प्रभावित किया, जिस पर स्पीकर ने गहरी निराशा जताई।